(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ICICI मामलाः वेणुगोपाल धूत ने खुद को बताया बेकसूर, बढ़ सकती हैं चंदा कोचर की मुश्किलें
माना जा रहा है कि आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर के पति से सीबीआई पूछताछ कर सकती है. वहीं वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपल धूत ने खुद को घोटाले में बेकसूर बताया है.
नई दिल्लीः आईसीआईसीआई मामले को लेकर बड़ी खबर आई है. माना जा रहा है कि आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर के पति से सीबीआई पूछताछ कर सकती है. वहीं वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपल धूत ने खुद को लोन मामले में बेकसूर बताया है और कहा है कि उन्होंने दीपक कोचर या उनकी किसी कंपनी में पैसा नहीं लगाया है.
वेणुगोपाल धूत ने कहा कि 'हमने कर्ज लेने के लिए बैंक के किसी अधिकारी या उनके सहयोगी को किसी तरह की गैरकानूनी मदद नहीं दी है. आईसीआईसीआई बैंक में इस तरह का काम होता नहीं है और बैंक की लोन देने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है. चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ उनके 12 साल पहले संबंध थे और उन्होंने उनसे सिर्फ 2.5 लाख रुपये के शेयर लिए थे जो कि बाद में उन्हें बेच दिए. इसके अलावा उनका दीपक कोचर के साथ और कोई संबंध नहीं है और उनकी किसी कंपनी में कोई पैसा नहीं निवेश किया गया है.'
वेणुगोपाल धूत ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि सच सबके सामने आएगा और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. जो भी उनके और आईसीआईसीआई बैंक के बारे में बातें चल रही हैं वो सब अफवाहें हैं.
एबीपी न्यूज के 3 सवाल 1 दीपक कोचर से जब एबीपी न्यूज ने सवाल भेजे तो दीपक कोचर ने स्वीकार किया कि उनके वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के मालिक के साथ कारोबारी रिश्ते हैं. ऐसे में ये सवाल उठता है कि कारोबारी रिश्ते दीपक कोचर की ओर से स्वीकार किए गए हैं तो वेणुगोपाल धूत क्यों इसके लिए मना कर रहे हैं.
2 जिस कमिटी ने वीडियोकॉन को लोन मंजूर किया है उसके क्रेडिट कमिटी में चंदा कोचर शामिल थीं. लिहाजा वीडियोकॉन ने कॉलेट्रल क्या दिया था इसको लेकर कोई खुलासा नहीं है. वहीं चंदा कोचर ने बैंक को ये जानकारी दी या नहीं कि उनके पति के कारोबारी रिश्ते वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के साथ हैं इसको लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
3 660 करोड़ रुपये के लोन आईसीआईसीआई बैंक की कनाडा और यूके की शाखा ने वीडियोकॉन की विदेश सब्सिडियरी को दिए और इसके बदले में वीडियोकॉन की भारत की 6 कंपनी ने गारंटी दी थीं. लिहाजा ये मसला भी सवालों के घेरे में आता है क्योंकि भारतीय कंपनी विदेश की कंपनी के लिए गारंटी नहीं दे सकती और टैक्स हैवन देश में ऐसे लोन कैसे दिए गए इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
लिहाजा ऐसे मामले में आईसीआईसीआई बैंक की एमडी चंदा कोचर के ऊपर सीबीआई और जांच एजेंसियों की पकड़ तेज हो सकती है. चूंकि कर्ज देते समय चंदा कोचर भी मामले में शामिल थीं तो उनसे पूछताछ की जा सकती है.
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