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राममंदिर निर्माण को लेकर विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दी अहम जानकारियां, कहा 'कुछ लोगों के धन से नहीं बल्कि पूरा समाज करे निर्माण'
विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. उनका कहना है कि मंदिर के लिए कुछ लोगों के पैसे की नहीं बल्कि पूरे समाज को इसका निर्माण करना है. उनका कहना है कि इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद 10 करोड़ घरों में दस्तक देगा.
नई दिल्लीः लंबे समय तक चले विवाद के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने जा रहे है. इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने बताया कि परिषद चाहता था कि मंदिर के भूमि पूजन के दौरान लाखों की संख्या में लोग पहुंच कर इसे देखें, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा. इसलिए लोग लाइव टेलीकास्ट के जरिए भूमि पूजन का कार्यक्रम देखेंगे.
भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आलोक कुमार ने बातचीत के दौरान बताया की श्री राम मंदिर के भूमी पूजन कार्यक्रम एक राष्ट्र का कार्यक्रम है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हेल्थ एडवाइजरी के तहत डेढ़ सौ से दो सौ लोग ही भूमि पूजन के दौरान मौजूद रहेंगे.
पूरा समाज करे मंदिर का निर्माण
आलोक का कहना है कि 'राम मंदिर के निर्माण का हिंदू समाज काफी समय से इंतजार कर रहा है. वहीं मंदिर निर्माण में जब जरूरत होगी तो पर्याप्त मात्रा में धन आएगा. हमारी चिंता दूसरी है वो ये है कि यह मंदिर कुछ लोगों के धन से नहीं बने, बल्कि पूरा समाज इसका निर्माण कराए. इसलिए हमने ट्रस्ट को निवेदन किया था कि देश के कम से कम 4 लाख गांव में जाकर 10 करोड़ हिंदू परिवारों का दरवाजा खटखटा कर उनसे सहयोग मांगा जाए.'
10 करोड़ घरों में दस्तक देगाः विहिप
आलोक ने बताया कि 'ट्रस्ट ने हमारी प्रार्थना स्वीकार की है. विश्व हिंदू परिषद अपने ऊपर यह जिम्मेदारी लेता है कि देश के 4 लाख गांव में 10 करोड़ घरों में दस्तक देगा और कहेगा कि हम सबको मिलकर मंदिर बनाना है आप भी अपना हिस्सा दीजिए.'
उनका कहना है कि इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए कुछ तिथियां तय की गई हैं, लेकिन कोरोना के चलते यह हो नहीं पाएगा. इसलिए काफी सोचने के बाद भी अभी तारीख की घोषणा नहीं की है. लेकिन यह निश्चित है कि जैसे ही कोरोना से प्रतिबंध खुलेगा हम अपना कार्यक्रम शुरू करेंगे.'
मंदिर के डिजाइन में नहीं हुआ कोई बदलाव
आलोक ने बताया कि 'मंदिर के मूल स्वरूप से कोई बदलाव नहीं किए गए हैं. 1989 से आज तक 31 साल हो गए वहीं चित्र सब मेलों, कार्यक्रमों, सभाओं, मंदिरों में लगा है. उस मॉडल के साथ लोगों की एक आइडेंटिफिकेशन है. ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर लगने वाले अधिकांश खंबे हमने बना लिए हैं इसलिए मूल डिजाइन में कोई बड़ा अंतर नहीं कर रहे हैं.
आलोक ने बताया कि मंदिर के निर्माण में थोड़ा सा बदलाव किया गया है. उनका कहना है कि 'पहले जैसे ग्राउंड और दो मंजिला था अब एक मंजिल और जोड़ देंगे यानी तीन मंजिल हो जाएगा पहले तीन मंडप थे अब वह पांच मंडप हो जाएंगे. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले 3 साल में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा.'
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