नई दिल्लीः संत रविदास मंदिर तोड़े जाने के बाद से बिगड़े हालात को सुधारने के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने पहल शुरू कर दी है. वीएचपी प्रतिनिधि मंडल के नेताओ ने मंदिर के पुनर्निर्माण की पहल करते हुए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मिला और मंदिर को पुनर्स्थापित करने की मांग की. इस प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के नेतृत्व कर रहे थे. प्रतिनिधि मंडल में हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, समेत कई पंथ और समुदाय के लोग थे.


प्रतिनिधि मंडल ने शहरी विकास मंत्री को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें कहा गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पुरातन मन्दिर के तोड़े जाने से छुब्द श्रद्धालुओं की ओर से विश्व भर में प्रतिक्रियाएं हुईं. लाखों हिन्दुओं ने पूज्य संतों के नेतृत्व में रोष-प्रदर्शन में भाग लिया. मुगलों के कठिन समय में भी धर्म जागरण करने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी में सम्पूर्ण हिन्दू समाज की अटूट आस्था है.


क्या कहा ज्ञापन में


ज्ञापन में मांग की गई है कि मंदिर का पुनर्निर्माण शीघ्र हो, पूजन की जल्द से जल्द व्यवस्था हो और वहां के सरोवरों (तालाव/जोहड़) को पुनर्जीवित कर समाधियों को ठीक किया जाए.


ज्ञापन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की सहमति के आधार पर सरकार अटॉर्नी जनरल के माध्यम से मंदिर के पुनर्निर्माण हेतु अपनी स्वीकृति कोर्ट को दें. हमें विश्वास है कि मंदिर का यह पुनर्निर्माण सम्पूर्ण भारतीय समाज में एक पुनर्जागरण का कार्य करेगा.


कौन कौन थे शामिल


प्रतिनिधि मंडल में सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा से महा-मंडलेश्वर पूज्य स्वामी अनुभूतानंद जी महाराज, जैनाचार्य डॉ लोकेश मुनि जी महाराज, वाल्मीकि मंदिर से स्वामी विवेकनाथ जी महाराज, संत रविदास विश्व महा पीठ के सुरजीत जाटव, मनोज कुमार व धरमवीर होशियार पुर से चरण छो गंगा तीर्थ के संत सतविंदर सिंह हीरा शामिल थे.


इनके अलावा रंग पुर बुलंदशहर के स्वामी वीर सिंह हितकारी, अखिल भारतीय र्विदाशिया धर्म संघटन के राष्ट्रीय अध्यक् सुखदेव वाघमारे, 108 फीट हनूमान मंदिर के महंत ओम प्रकाश गेरा, जैन समाज से रिखब चंद जैन, सिख समाज से विधायक सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा और आर्य समाज से दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री विनय आर्य के अलावा विश्व हिन्दू परिषद् दिल्ली के अध्यक्ष कपिल खन्ना, कार्याध्यक्ष वागीश इस्सर व मंत्री बच्चन सिंह सामिल थे.


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