Nagpur Riots: महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार (17 मार्च, 2025) की रात को हिंसा भड़क उठी. देखते ही देखते यह हिंसा गणेशपेठ सहित कई इलाकों में फैल गई. इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने प्रतिक्रिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया.


विनोद बंसल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “नागपुर में जिहादियों का हमला: नागपुर के महाल क्षेत्र में औरंगजेबी मानसिकता के जिहादी उत्पतियों ने आज (सोमवार रात) अभी कुछ समय पूर्व ही सुनियोजित षड्यंत्र के तहत बड़ी तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की. रोजे के दौरान भी जिहादियों ने मस्जिद से निकलकर हिंदू घरों, दुकानों व वाहनों के साथ पुलिस कर्मियों तक को नहीं छोड़ा. घटना बेहद दर्दनाक व निंदनीय है. समुचित कार्यवाही जरूरी है.”






औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग


महाराष्ट्र में इस समय औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग जोर पकड़ रही है. इस बीच नागपुर में यह हिंसा कैसे भड़की और विवाद कैसे शुरू हुआ इस बारे में भी जान लेते हैं. 


कैसे भड़की हिंसा?


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हुआ कुछ यूं कि औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे बजरंग दल के सदस्य छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास प्रदर्शन कर रहे थे. विरोध प्रदर्शन के वक्त सोमवार को यह अफवाह फैल गई की पवित्र धर्म ग्रंथ को जला दिया गया है. इसके बाद दूसरे समुदाय में आक्रोश फैल गया. तनावपूर्ण स्थिति बनी और दो समुदायों के बीच औरंगजेब की कब्र को लेकर हिंसा भड़क गई. इस दौरान जमकर पत्थर भी बरसाए गए थे.






पुलिस पर भी हुआ पथराव


महाल के चिटनिस पार्क इलाके में शाम के 7:30 बजे पथराव भी हुआ. इस दौरान पुलिस पर भी पत्थर बरसाए गए, जिसके कारण तीन अधिकारी और 6 नागरिक घायल हो गए. इसके बाद यह हिंसा कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई और रात होते होते और भी ज्यादा बढ़ गई.


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