विहिप की तीन दिवसीय केंद्रीय समिति की बैठक शुरू
बैठक आज मंगलुरू के संघ निकेतन सभागार में आरंभ हुई.
नई दिल्ली: विहिप की तीन दिवसीय केन्द्रीय समिति की बैठक के पहले दिन राम मंदिर का मुद्दा छाया रहा. विहिप की बैठक में सर्वसम्मति से इस बात पर चर्चा हुई की बिना देरी किए अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाए. बैठक आज मंगलुरू के संघ निकेतन सभागार में आरंभ हुई. विश्वप्रसन्नतीर्थ महाराज, पूज्य धर्माधिकारी वीरेन्द्र हेगड़े, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष वीएस कोकजे, कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, अशोक चौगुले और विहिप के महामंत्री मिलिन्द पराण्डे के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ महाराज ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है. भगवान श्रीराम हमारे आदर्श पुरुष हैं और राम राज्य हमारी संकल्पना है. जिस प्रकार बादलों के छटते ही सूर्य पुनः प्रकाशित होता है वैसे ही भारतीय संस्कृति का सूर्य पुनः प्रकाशित हो रहा है.
उद्घाटन सत्र में पद्मविभूषण पूज्य वीरेन्द्र हेगडे़ ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान श्रीराम जी का भव्य मंदिर का निर्माण शीघ्र हो. मंदिर हमारे प्रेरणा केन्द्र हैं और ये सेवा के केन्द्र बनने चाहिए. मंदिर द्वारा संचालित सेवा कार्यों से धर्मान्तरण रूकेगा, समाज में सांस्कृतिक जागरण होगा. उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि कर्नाटक में भूख और अभाव के कारण धर्मान्तरण नहीं होगा. युवाओं में नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है. विदेशों में भारतीय संस्कृति को मानने वाले लोग तेजी से बढ़ रहे हैं.
विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि तीन दिन की इस बैठक में पिछले छः महीने के कार्यों की समीक्षा की जाएगी. साथ ही आगामी कार्य योजना बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि 1964 में अपनी स्थापना के समय विश्व हिंदू परिषद ने जो संकल्प लिया था वह अभी पूर्ण नहीं हुआ है. सामाजिक समरसता और धर्मान्तरण समाप्त करने का काम अभी बाकी है. हिंदू समाज के समस्याओं के निराकरण में विहिप की महत्वपूर्ण भूमिका है.
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