राम मंदिर: VHP की धर्मसभा से हुंकार, RSS ने कहा- भीख नहीं मांग रहे, जल्द कानून बनाए सरकार
धर्मसभा में पहुंचने वाले लोगों की मदद के लिए दो से तीन किलोमीटर के दायरे में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं. इसके साथ ही कई जगहों पर भरवान राम की बड़ी बड़ी फोटो भी लगाई गई हैं, जिन पर लोग अपने घरों ले लगाए फूल भी चढ़ा सकेंगे.
नई दिल्ली: राम मंदिर पर जारी राजनीति के बीच विश्व हिंजदू परिषद आज दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल धर्मसभा शुरू हो गई है. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ RSS के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. धर्मसभा में भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए, सभी की एक ही मांग है कि जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो. धर्मसभा में पहुंचे लगोों को सुप्रीम कोर्ट से 'नाराजगी' जरूर है लेकिन सरकार से उम्मीद भी है कि अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया जाए.
हम भीख नहीं मांग रहे, अपनी भ्वनाएं व्यक्त कर रहे: भैया जी जोशी धर्मसभा में RSS के सरकार्यवाहक भैया जी जोशी ने कहा, ''हम चाहते हैं जो भी हो शांति से हो, संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते. इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें. हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है.'' भैया जी जोशी ने कहा, ''न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए. जिस देश में न्यायालय में विश्वास घटता है उसका उत्थान होना असंभव है. इसलिए न्यायालय को भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. देश पर हमला करने वालों के निशान मिटने चाहिए.''
भैया जी जोशी ने कहा, ''सत्ता में बैठे लोगों का संकल्प भी राम मंदिर निर्माण का है. उन्हें इस संकल्प के लिए आगे बढ़ना चाहिए. लोकतंत्र में संसद का अपना अधिकार और कर्तव्य है. हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं. आशा है सत्ता में बैठे लोग सकारात्मक दिशा में कदम उठाएंगे''
भैया जी जोशी ने कहा, ''अयोध्या में दर्शन करने वाले आज दुखी होते हैं. भक्त भव्य राम मंदिर में दर्शन करना चाहता है. सब चाहते हैं राम भव्य मंदिर में रहें. 1992 में काम अधूरा रह गया, ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना. संविधान का रास्ता बाकी है, न्यायालय का इंतजार करते करते हैं हमारी सीमा आ गई है. अब कानून बनाकर सरकार राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे.''
शीतकालीन सत्र से पहले हम दस्तक देने आये हैं: विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष धर्मसभा में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ''हिन्दू समाज अनंतकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कर्तव्यों की अवहेलना की है. 3-11 दिसंबर के शीतकालीन सत्र से पहले हम दस्तक देने आये हैं कि राम मंदिर को लेकर कानून बनाओ.'' वहीं अनुभूतानंद जी ने कहा, '' हमारे रामलला टाट में है और हमारे सभी बड़े ठाठ में हैं.''
पांच लाख राम भक्तों के पहुंचने का दावा, सुरक्षा में लगे 15000 जवान इससे पहले वीएचपी ने अयोध्या में भी धर्मसभा की थी. रामलीला मैदान में आज पांच लाख राम भक्तों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है. जिसके चलते रामलीला मैदान के आसपास के रास्ते बंद कर दिए हैं. रैली की सुरक्षा के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों के पंद्रह हजार जवानों को तैनात किया गया है. दिल्ली के चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है. रामलीला मैदान में सुबह 7 बजे से लोगों के पहुंचने का जो सिलसिला शुरू हो गया, राम लीला मैदान के आस पास की सभी सड़कें खचाखच भरी नजर आ रहीं थीं. राम नाम जपते हुए लोग हाथों में झंडे लिए रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे थे. ट्रैफिक पुलिस ने अपनी व्यवस्था चाक चौबंद रखी.
यह रैली ह्रदय परिवर्तन कर देगी: VHP वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया, ‘‘यह विशाल रैली होगी जो अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए विधेयक लाने का समर्थन नहीं करने वाले सारे लोगों का हृदय परिवर्तन कर देगी.’’ वीएचपी के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि अगर किसी स्थिति में संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक नहीं लाया गया तो अगली ‘धर्म संसद’ में आगे के कदम पर फैसला होगा. इसका आयोजन अगले साल 31 जनवरी और एक फरवरी को महाकुंभ के इतर इलाहाबाद में होगा .
रैली के लिए लंबे समय से चल रहा था अभियान वीएचपी धर्मसभा के लिए एक दिसंबर से ही जनसंपर्क अभियान चला रही थी. धर्मसभा की जागरूकता के लिए विहिप ने दिल्ली-एनसीआर में 1 से 9 दिसम्बर के बीच जनसम्पर्क अभियान और रथयात्रा निकाली थी. वीएचपी का कहना है कि सरकार और सर्वोच्च न्यायालय इसके बाद भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई फैसला नहीं करता है तो जनवरी 2019 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में इसको लेकर फैसला लिया जाएगा. बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी.
कौन कौन हुआ शामिल? धर्मसभा में जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, श्रीजगन्नाथ पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद, परमानंद जी, साध्वी ऋतंभरा, आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश (भैया जी) जोशी, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) विष्णु सदाशिव कोकजे और कार्याध्यक्ष आलोक कुमार सहित कई लोगों हिस्सा लिया.