Christmas 2022: दुनिया भर में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मध्य भारत प्रान्त ने अपने इलाके में सभी स्कूलों से हिन्दू बच्चों को सांता क्लॉज नहीं बनाने का अनुरोध किया है. विहिप ने अपने इलाके में आने वाले मध्य प्रदेश के 16 जिलों के सभी विद्यालयों से हिन्दू बच्चों को पैरेंट्स की अनुमति के बिना सांता क्लॉज नहीं बनाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि यदि कोई विद्यालय ऐसा करता है तो उसके खिलाफ परिषद वैधानिक कानूनी कार्रवाई करेगी.


विश्व हिंदू परिषद मध्य भारत प्रान्त के प्रचार प्रसार प्रमुख जितेंद्र चौहान ने शनिवार को विज्ञप्ति जारी की. विज्ञप्ति में कहा गया है कि परिषद मध्य भारत प्रान्त के सभी विद्यालयों में जो छात्र सनातन हिन्दू धर्म और परंपरा को मानते हैं, उन्हें विद्यालय में होने वाले क्रिसमस के कार्यक्रम में सांता क्लॉज बना रहे हैं और क्रिसमस ट्री भी लाने का बोल रहे हैं. इसमें कहा गया है कि यह हमारी हिन्दू संस्कृति पर हमला है. बयान में कहा गया है कि यह हिंदू बच्चों को ईसाई धर्म में प्रेरित करने के लिये षड्यंत्र है और आर्थिक रूप से भी ऐसी ड्रेस या पेड़ लाने से अभिभावकों का नुकसान है.


"भारत भूमि संतों की भूमि है, सांता की नहीं"
विज्ञप्ति में सवाल किया गया कि क्या ये विद्यालय हिंदू बच्चों को सांता बनाकर ईसाई धर्म के प्रति श्रद्धा और आस्था उत्पन्न करने का काम कर रहा है. इसमें कहा गया है, ‘‘हमारे हिंदू बच्चे राम बने, कृष्ण बने, बुद्ध बने, गौतम, महावीर बने, गुरु गोविंद सिंह बने, यह सब तो बनना चाहिए. हिंदू बच्चे क्रांतिकारी बने, महापुरुष बने, परंतु सांता (सांता क्लॉस) नहीं बनना चाहिए. ये भारत भूमि संतों की भूमि है, सांता की नहीं.’’ 


अनुमति के बिना सांता क्लॉज नहीं बनाये


विज्ञप्ति के अनुसार, "अतः सभी विद्यालयों से आग्रह है कि हिन्दू बच्चों को पैरेंट्स की अनुमति के बिना सांता क्लॉज नहीं बनाये और यदि कोई विद्यालय ऐसा करता है तो उस विद्यालय के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद वैधानिक कानूनी कार्रवाई करेगी." जितेंद्र चौहान ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के मध्यभारत प्रान्त के तहत आने वाले मध्य प्रदेश के चार संभागों भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल के सभी 16 जिलों में यह पत्र सभी विद्यालयों को दिए जा रहे हैं. 


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