नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिये कानून बनाने संबंधी अपने अभियान के तहत विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मिलेगा. विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि नवंबर महीने में परिषद देश के सभी क्षेत्रों के सांसदों से भेंट करेगी और उनसे कहेगी कि उनके मतदाता अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं, ऐसे में वे कानून बनाने में सहयोग करें.


यह पूछे जाने पर कि क्या वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी से भी मिलेंगे? विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हम उनसे आग्रह करेंगे और वे समय देते हैं तब उनसे मुलाकात करेंगे. हम सभी सांसदों से मिलेंगे.’’ उन्होंने जोर दिया कि देश का जनमानस राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में है, ऐसे में चाहे कांग्रेस हो, तृणमूल कांग्रेस हो या कोई अन्य दल हो उनके लिये इसका विरोध करना कठिन होगा.


विहिप के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि परिषद का सभी दलों के सांसदों से मिलने का कार्यक्रम है, चाहे वे किसी भी दल के हों. उन्होंने बताया कि संसदीय क्षेत्र में सभाओं का आयोजन किया जायेगा और एक शिष्टमंडल उस क्षेत्र के सांसद से मिलेगा जिसमें विहिप, संत समाज एवं स्थानीय लोग शामिल होंगे.


विहिप ने इसके साथ जोर दिया कि सरकार को सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर या संबंधित भूमि का अधिग्रहण करने के लिये कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए. कुमार ने कहा, ‘‘ हमारे समक्ष सोमनाथ मंदिर के निर्माण का उदाहरण है. सोमनाथ मंदिर को मध्यकाल में आक्रमणकारियों ने कई बार तोड़ा था. ऐसे में देश की आजादी के बाद खंडहर पर मंदिर के निर्माण के लिये कानून बनाया गया था. ’’ उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर के निर्माण को प्रायोजित भारत सरकार ने किया था लेकिन पैसा जनता ने जुटाया था. इसके लिये एक ट्रस्ट का गठन किया गया था जिसे निर्माण, रखरखाव आदि का कार्य सौंपा गया था.


आलोक कुमार ने आगे कहा कि सरकार कानून बनाकर संबंधित भूमि का अधिग्रहण भी कर सकती है और इस भूमि को उस समिति को सौंप सकती है जो इस विषय और आंदोलन को आगे बढ़ा रही है और नेतृत्व प्रदान कर रही है. विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि इन दोनों ही स्थितियों में कानून लाने की जरूरत होगी. विहिप का रूख स्पष्ट है कि इस मुद्दे पर अदालत के फैसले की अनंत काल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती. ऐसे में कानून लाने की जरूरत है.


वहीं, वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ यह सब राजनीतिक फायदे के लिये किया जा रहा है । अगर वे कानून बनाना चाहते हैं तो किसने रोका है। क्या वे चार साल से सो रहे थे ? ’’ उन्होंने कहा कि अब अदालत ही तय करेगी कि अयोध्या मामले की सुनवाई कब होगी, यह कोई दूसरा तय नहीं कर सकता है.


वहीं, राम मंदिर के मुद्दे पर अखिल भारतीय संत समिति 3-4 नवंबर को दिल्ली में एक बैठक कर रही है. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से संत राम मंदिर के मुद्दे पर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. बहरहाल, मुम्बई के पास ठाणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक हो रही है.


इस बैठक में प्रतिनिधि सभा की बैठक में बनाई गई योजनाओं की समीक्षा के साथ साथ देश की वर्तमान स्थिति एवं समसामयिक विषयों पर चर्चा होगी.संघ का कहना है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जल्द निर्णय करे और अगर कुछ कठिनाई है तो सरकार कानून बनाकर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे.