नई दिल्ली : सेना ने एक बार फिर आगाह किया है कि हमारे दोनों दुश्मन देश चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ हो रहा है इसलिए हमें अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने की जरूरत है. सह-सेनाध्यक्ष ने आज कहा कि भले ही भारत और चीन के बीच हिमालय पर्वत हो लेकिन आने वाले सालों में भारत और चीन का टकराव हो सकता है क्योंकि चीन हिमालय पार कर हमारे पड़ोस (भूटान) में घुसने की कोशिश कर रहा है.
सह-सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद आज राजधानी दिल्ली में सेना और सीआईआई द्वारा सैन्य साजों सामान के स्वदेशीकरण पर आयोजित एक सेमिनार में बोल रहे थे.
इस मौके पर उन्होनें फिर से 'टू एंड हाफ फ्रंट वॉर' पर बोलते हुए कहा कि हमारे सेना प्रमुख ने जब ये कहा था तो वे युद्ध-उन्माद नहीं कर रहे थे बल्कि एक सच्चाई बता रहे थे ताकि हम अपने देश की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दें. लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद ने कहा कि अगर मौजूदा हालात की तरफ ध्यान दें तो हमारे उत्तर में सिक्किम में तनाव बना हुआ है (चीन के साथ). इसके अलावा (पाकिस्तान की तरफ से) सीमापार से हो रही कारवाई में हाल ही में हमारे 07 जवान शहीद हो गए. साथ ही सीमापार से कश्मीर में आतंकवाद जारी है.
शरथ चंद ने कहा कि चीन के पास इतना बड़ा क्षेत्रफल है, इतनी बड़ी सेना है, इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन अमेरिका से होड़ में आगे निकलने के लिए वो हमारे पड़ोस में विस्तारवादी नीति का पालन कर रहा है. जिससे आने वाले समय में भारत से टकराव संभव है.
पाकिस्तान पर बोलते हुए वाइस चीफ ने कहा कि वो एक छोटा देश है, छोटी सेना और अर्थव्यवस्था वाला देश है इसलिए वो हमसे सीधे युद्ध नहीं करता बल्कि हमें लो-इंटेस्टी वॉर में फंसाकर रखता है. ये नीति उसके परममित्र चीन को भी उपयुक्त लगती है.
संसद हमले के बाद पाकिस्तान पर हमले का जिक्र करते हुए उन्होनें कहा कि उस वक्त हमारी तैयारियां पूरी नहीं थी और ना ही हमारा पाकिस्तान पर 'ऐज' (edge) था यानी पाकिस्तान से पलड़ा भारी था.
शरथचंद के मुताबिक चीन और पाकिस्तान राजनैतिक तौर पर, सैन्य तौर पर और अर्थवय्वस्था के तौर पर गठजोड़ कर रहे हैं इसलिए हमें अपनी सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाना होगा.
बाद में एबीपी न्यूज ने जब सह-सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद से पूछा कि चीन की तरफ से बहुत कड़ी बयानबाज़ी हो रही है तो उन्होनें कहा कि बयानबाजी तो कोई भी कर सकता है.