चीन से चल रही तनानती के बीच भारतीय सेना के सह-प्रमुख (वाइस चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी चार दिनों (17-20 अक्टूबर) के लिए अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं. इस यात्रा का मकसद दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है.
थलसेना ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि वाइस चीफ अपनी इस यात्रा के दौरान यूएस आर्मी की पैसेफिक कमांड और इंडो-पैसेफिक कमांड का दौरा करेंगे. इस दौरान वे अमेरिकी सेना की वरिष्ट सैन्य अफसरों से विचारों और रणनीति का आदान-प्रदान करेंगे. इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल सैनी अमेरिकी थलसेना की ट्रैनिंग और सैन्य साजो सामान की क्षमता का प्रदर्शन भी देखेंगे.
वाइस चीफ हवाई आईलैंड स्थित इंडो-पैसेफिक कमांड के मुख्यालय में दोनों देशों के बीच साझा युद्धभ्यास और अमेरिका से हथियारों की खरीद पर भी चर्चा करेंगे.
थलसेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, इस यात्रा से दोनों देशों की सेनाओं के बीच ऑपरेशन्ल और सामरिक सहयोग बढ़ेगा. यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि कोविड-महामारी के बावजूद दोनों देशों के बीच अगले साल दो महत्वपूर्ण मिलिट्री एक्सरसाइज होने जा रही हैं. पहली है फरवरी के महीने में ‘युद्धभ्यास’ और दूसरी है दोनों देशों के स्पेशल फोर्सेंज़ की ‘वज्र-प्रहार’ जो मार्च के महीने में होने जा रही है.
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन से चले रही तनानती के बीच सहसेना-प्रमुख का अमेरिका दौरा बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि अमेरिका एलएसी पर चीन की विस्तारवादी नीति और आक्रमक-व्यवहार का कड़ा विरोध कर रहा है. यहां तक की चीन के खिलाफ अमेरिका ने दक्षिण एशिया में अपने सैनिक भेजने का प्रस्ताव तक दिया है. अमेरिका चीन का दक्षिण चीन सागर और ताइवन के खिलाफ आक्रमक व्यवहार का भी लगातार विरोध कर रहा है.