Vice President Jagdeep Dhankhar News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार (13 जनवरी) को कहा कि राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है और संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच समझकर मौलिक अधिकारों के ऊपर राम, लक्ष्मण, सीता का चित्र रखा है. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जयपुर में आयोजित नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथी संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत पीड़ा होती है जब कोई अज्ञानी इतिहास से अनभिज्ञ, यह हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक हैं.’’


भगवान राम पर क्या बोले उपराष्ट्रपति?


उन्होंने कहा, ‘‘राम और राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है और संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है.’’ सरकारी बयान के अनुसार अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने बताया, "हमारे संविधान में बीस से ज्यादा चित्र हैं और उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो चित्र है उसमें राम, लक्ष्मण, सीता हैं, जो लोग भगवान राम का निरादर कर रहे हैं वास्तव में वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं. हमारे संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से प्रभु राम के उन चित्रों को वहां रखा है."


'समाज बांटने वालों को समझाने की जरूरत'


बयान के अनुसार उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "समाज तभी स्वस्थ रहेगा जब समाज के सभी अंग एक साथ रहेंगे. हमारी संस्कृति यही कहती है सब मिलकर काम करो एकजुटता से रहो. जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं, तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए जहर फैलाना चाहते हैं, वे ही 35 बनाम एक की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं.’’ 


उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि ऐसे लोग समाज के दुश्मन नहीं, बल्कि खुद के भी दुश्मन हैं और उनका आचरण अमर्यादित ही नहीं, बल्कि घातक है.


उन्होंने कहा, ''मेरा आपसे अनुरोध है कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की दरकार नहीं है, क्योंकि वह अपने हैं. उनको जागरूक करने की दरकार है, उनको समझाने की दरकार है, सही रास्ते पर लाने की दरकार है. यह काम संस्थागत तरीके से नहीं, अपने पड़ोस में होना चाहिए, अपने समाज में होना चाहिए, जिस वर्ग से हम जुड़े हुए हैं वहां होना चाहिए.''


राजस्थान के नए नेतृत्व पर जताया भरोसा


उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम सबका परम कर्तव्य है कि समाज को जोड़ने का कार्य करें. बयान के अनुसार उपराष्ट्रपति ने राजस्थान के नए नेतृत्व के प्रति विश्वास जताया. उन्होंने भरोसा जताया कि नए नेतृत्व में राजस्थान प्रगति में देश का सर्वोच्च राज्य होगा. उपराष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे भारतीयता और राष्ट्रवाद के लिए प्रतिबद्ध रहें.


उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित सदैव सर्वोपरि रहना चाहिए. इस संदर्भ में उन्होंने लोगों को ऐसे तत्वों के विरुद्ध भी चेताया जो तात्कालिक राजनीतिक स्वार्थों के लिए समाज में बंटवारे और वैमनस्य के बीज डालते हैं, देश की उपलब्धियों को कमतर आंकते हैं और समाज में देश की प्रगति के बारे भ्रांतियां फैलाते हैं. 


उन्होंने किसानों से भी आग्रह किया कि वे अपने युवाओं को कृषि और कृषि संबंधित व्यवसाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें. इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद रहे.


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