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वेंकैया नायडू आज बनेंगे देश के नए उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति कोविंद दिलाएंगे शपथ
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार वैंकैया को 516 वोट मिले थे, वहीं उनके प्रतिद्वंदी विपक्ष के उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को महज 244 वोट मिले थे.
नई दिल्ली: वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश के नेल्लूर से नई दिल्ली तक का लंबा राजनीतिक सफर तय किया है. वह राजनेता जो आज से देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं. नायडू आज देश के 13वें उपराष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाएंगे.
नायडू आज सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सराकर के कई बड़े मंत्री भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू देश के जाने-माने नेता हैं. उनके बारे में 10 बड़ी बाते जानें.
नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति वैंकैया के बारे में 10 बातें.
- एनडीए के उम्मीदवार वैंकैया को 516 वोट मिले, वहीं उनके प्रतिद्वंदी विपक्ष के उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को महज 244 वोट मिले.
- वैंकैया आंध्र प्रदेश से उपराष्ट्रपति बनने वाले तीसरे शख्स होंगे, वैंकैया से पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वीवी गिरी भी देश के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं.
- वैंकैया नायडू, इस वक्त देश ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी यानी भारतीय जनता पार्टी के दो बार लगातार राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है. वैंकैया जुलाई 2002 से अक्टूबर 2004 तक पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. 2004 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद वैंकैया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
- वैंकैया अटल सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं.
- वहीं मोदी सरकार में वैंकैया, तीन अहम मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय का भी पदभार संभाल चुके हैं.
- वैंकैया तीन बार कर्नाटक से तो एक बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं.
- वैंकैया ने शहरी विकास मंत्री रहते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरु कीं जैसे- स्मार्ट सिटी, अटल मिशन, स्वच्छ भारत अभियान और सभी के लिए आवास इनमें प्रमुख हैं. ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ की शुरुआत में वेंकैया नायडू की अहम भूमिका थी.
- वहीं वैंकैया ने दक्षिण भारत से होने के बावजूद भी ‘हिन्दी’ को सीखा और उत्तर भारत समेत तमाम हिंदी पट्टी में कई राजनैतिक रैलियों और सभाओं में जनता को संबोधित किया. आपको ये भी बता दें कि वैंकैया हिंदी को राष्ट्रीय भाषा किए जाने के भी समर्थक रहे हैं.
- वैंकैया का आंध्र के नेल्लोर जिले के एक किसान परिवार से ताल्लुक है. वैंकैया ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत साल 1973 में एक स्टूडेंट लीडर के तौर पर की थी. हालांकि बाद में वैंकैया जनसंघ से जुड़ गए.
- वैंकैया आंध्रप्रदेश विधानसभा में भी दो बार चुने जा चुके हैं.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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