नई दिल्ली: वर्तमान में हामिद अंसारी देश के उपराष्ट्रपति हैं. वह पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने लगातार दो कार्यकाल पूरे किए हैं. उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2017 को खत्म हो रहा है. ऐसे में देश के 15 वें उपराष्ट्रपति के रूप में जो भी व्यक्ति चुना जाएगा वो 11 अगस्त 2017 को शपथ लेगा. उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन वह इस कार्यकाल के पूरे हो जाने पर भी अपने उत्तराधिकारी के पद ग्रहण करने तक पद पर बने रह सकते हैं.
उपराष्ट्रपति का चुनाव महत्वपूर्ण क्यों ?
देश में उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद होता है. उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा का सभापति भी होता है. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग, या बर्खास्तगी या अन्य कारणों से खाली हुए राष्ट्रपति पद पर अगले राष्ट्रपति के चुनाव होने तक एक्टिंग राष्ट्रपति के रूप में काम करता है.
राष्ट्रपति का पद किसी भी स्थिति में छह महीने से ज्यादा खाली नहीं रह सकता. इसके अलावा अगर राष्ट्रपति अनुपस्थिति, स्वास्थ्य या किन्हीं कारणों से अपने कार्य को करने में असमर्थ हैं तब वे अपना पदभार उपराष्ट्रपति को सौंप सकते हैं. उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के दोबारा पद ग्रहण करने तक राष्ट्रपति के तौर पर कार्य करता है.
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव ?
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के इलेक्टेड (जनता के द्वारा चुने गए) सासंद वोट देते हैं. सासंदों का एक वोट ही जोड़ा जाता है. इस चुनाव में राष्ट्रपति चुनाव की तरह विधानसभा के सदस्य शामिल नहीं होते हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) की कुल सख्या 790 है. जिसमें राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य 233 हैं और नामित सदस्य 12 हैं. इसी तरह लोकसभा में निर्वाचित सदस्य 543 और नामित सदस्य 2 हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 785 वोट हैं जिसमें से ये चुनाव जीतने के लिए 393 वोटों की जरूरत पड़ती है.
कौन लड़ सकता है राष्ट्रपति पद का चुनाव?
कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति तभी निर्वाचित हो सकता है जब वह-
- भारत का नागरिक है.
- 35 साल की आयु पूरी कर चुका है, और
- राज्य सभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो.
- चुनाव लड़ने वाला व्यक्ति,जो केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर कार्य ना करता हो.
- -उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को कम से कम 20 सांसदों के प्रस्तावक और 20 सांसदों प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर जरूरी हैं.
- उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र के साथ 15000 रुपये जमानत राशि के तौर पर जमा करनी होती है.
बैलेट पेपर और विशेष पेन के जरिए पड़ेंगे वोट
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग की जाती है. चुनाव आयोग के मुताबिक उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए आयोग विशेष पेन जारी करेगा. यह पेन निर्वाचन आयोग के अधिकारी द्वारा वोट डालने वाले को दिया जाएगा. सिर्फ इसी पेन से डाले गए वोट को माना जाएगा. इसके अलावा किसी और पेन से डाले गए वोट मान्य नहीं होंगे.
आयोग के मुताबिक, उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय है. किसी भी स्थिति में मतपत्र किसी और को दिखाना संविधान के विरुद्ध है.
कहां और कब होगी वोटिंग?
उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग संसद भवन में होगी और जिस दिन वोटिंग होगी उस दिन वोटों की गिनती भी की जाएगी. चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए केंद्र सरकार के परामर्श से राज्यसभा के सचिव शमशेर सिंह को रिटर्निंग ऑफिसर बनाया है.
भारत के भूतपूर्व उप-राष्ट्रपति
- डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण- मई 13, 1952 से मई 12, 1962
- डॉ जाकिर हुसैन- मई 13, 1962 से मई 12, 1967
- वी.वी. गिरि- मई 13, 1967 से मई 3, 1969
- गोपाल स्वरूप पाठक- अगस्त 31, 1969 से अगस्त 30, 1974
- श्री बी डी ज़त्ति- अगस्त 31, 1974 से अगस्त 30, 1979
- श्री एम हिदायतुल्ला- अगस्त 31, 1979 से अगस्त 30, 1984
- श्री आर वेंकटरमन- अगस्त 31, 1984 से जुलाई 24, 1987
- डा शंकर दयाल शर्मा- सितम्बर 3, 1987 से जुलाई 24, 1992
- के.आर. नारायणन- अगस्त 21, 1992 से जुलाई 24, 1997
- कृष्णकांत- अगस्त 21, 1997 से जुलाई 27, 2002
- भैरों सिंह शेखावत- अगस्त 19, 2002 से जुलाई 21, 2007
- वर्तमान में हामिद अंसारी- अगस्त 11, 2007 से अभी तक