नई दिल्ली: जोधरपुर की अदालत से उम्रकैद की सजा पाने के बाद आसाराम जेल की सलाखों में है, अब वो ताउम्र जेल में रहेगा, लेकिन आसाराम ने जो घिनौनी हरकत है, उसे जानकर आपकी रुह कांप जाएगी.

कोर्ट के फैसले की कॉपी को जब आप पढ़ेंगे और उसमें पीड़ित के बयान और उसके दर्द को समझने की कोशिश करेंगे तो आसाराम से आपको नफरत हो जाएगी, आपके जेहन में सवाल उठेंगे कि आखिर एक धार्मिगुरु ऐसी गंदी हरकत कैसे कर सकता है. जो लड़की उसे भगवान समझती रही है उसके साथ वो कैसे दानव जैसा व्यहार किया.

अब तक हम आपको एफआईआर की कॉपी से पीड़ित लकड़ी का बयान और फैसले की कॉपी में पीड़ित लड़की का बयान बता चुके हैं. अब हम आपको गवाह के हवाले से पीड़ित लड़की का दर्द बयान कर रहे हैं.

पीड़ित लड़की की जुबानी आसाराम का कुकर्म, ‘उसने कपड़े उतारे,पूरे शरीर पर KISS किया और....’

रेप केस में दोषी आसाराम के कुकर्म की पूरी कहानी, पीड़िता की जुबानी

गवाह की जुबानी, पीड़ित लड़की की बयान...

बापू ने पहले से ही रूम की लाईट बन्द कर दी थी और बेड पर लेटे हुए थे. फिर उन्होंने बेड पर अपनी साईड में बिठा कर हाथ सहलाने लगे और बातें कर रहे थे. कहा कि पढ़ लिख कर क्या करोगी तुम्हें मैं वक्ता बना देता हूं, हमारे साथ ही रहना, मैं तुम्हारा जीवन बना दूंगा, फिर उठकर दरवाजा बन्द किया और बदतमीजी करने लगे. पहले तो अपने कपड़े उतार दिये. वह चिल्लाई कि बापू यह क्या कर रहे हो तो उन्होंने मुंह दबा दिया और धमकी दी कि जरा सी भी आवाज की तो देखना मैं क्या करता हूं, तुम्हारे मां बाप को मरवा दूंगा, तुम्हारा खानदान गायब हो जायेगा, तुम्हें पता भी नहीं चलेगा.

फिर वे बदतमीज़ी करने लगे, अपने हाथ से पीड़ित लड़की के पूरे शरीर को छूता रहा, प्राइवेट पार्ट्स को टच कर रहा था और KISS कर रहा था और सक किया. कपड़ों में हाथ डाल कर बदतमीजी की, फिर जबरदस्ती करने लगा कि मेरे प्राइवेट पार्ट को छुओ और सक करो. फिर पीड़ित लड़की के प्राइवेट पार्ट पर, मुंह पर और सब जगह KISS किया.

वह रो रही थी और कह रही थी कि मुझे छोड़ दो, हम तो आपको भगवान मानते हैं, आप यह क्या कर रहे हो. फिर वह बदतमीजी करता रहा और एक सवा घन्टे बाद छोड़ा और छोड़ते टाइम कहा कि किसी को बताया तो देख लेना, अपने बाल और कपड़े ठीक कर लो, फिर जाना और किसी से कुछ मत बताना. फिर वह पीछे वाले दरवाजे से ही बाहर आई जहां से अन्दर गई थी. बाहर कमरे के सामने वाले गेट पर बरामदा था, जहां पर प्रकाश बैठा था. गवाह का कहना है कि वह इस घटना से पीड़ित लड़की अवाक रह गई थी कि जिस आदमी को वह भगवान समझती थी, उसने उसके साथ ऐसी घिनौनी हरकत की, उसके कपड़े खोलने की कोशिश की, उसकी सलवार खोल दी. वह कुछ सोच नहीं पा रही थी.

जब वह कमरे से बाहर आई तो उसकी माता गार्डन के गेट पर बैठी हुई थी. फिर वह अपनी माता के साथ रूम पर आई, जहां उसकी माता ने पूछा कि क्या हुआ तो उसने कहा कि अभी तो यहां से चलो, बापू अच्छा इन्सान नहीं है. रूम पर आये तो पापा सो रहे थे. फिर उसकी माता भी सो गई किन्तु उसे (पीड़िता को) नींद नहीं आई. अगले दिन 16 अगस्त को बापू जब नीम के पेड़ के नीचे आये तो वह उनसे मिलने नहीं गई क्योंकि वह उन्हें देखना नहीं चाहती थी.