शाहजहांपुर: रेप के मामले में आसाराम को कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद आसाराम के रूद्रपुर स्थित आश्रम में सन्नाटा पसरा है. वहीं स्थानीय लोगों ने आश्रम से दूरी बना ली है. स्थानीय लोग बताते हैं कि आश्रम पिछले चार साल से ही वीरान हो गया था,  जब उसे रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि चार साल पहले यहां जब कोई कार्यक्रम होता था तो गाड़ियों की कतार लग जाती थी. पूरे गांव में चहल पहल रहती थी लेकिन आज ग्रामीण भी आसाराम को ‘ढोंगी बाबा’ कहकर बात करने से कतरा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस आश्रम को पीड़िता के पिता ने ही बनवाया था.


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स्थानीय लोगों ने कहा- गांव के लिए बदनामी की वजह बन गया आसाराम का आश्रम


बताया जाता है कि इस घटना से पहले शहर में ही आसाराम के हजारों की संख्या में अनुयायी थे. लेकिन आसाराम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज होने के बाद से आश्रम की ओर कोई जाना भी पसंद नहीं करता. जोधपुर की कोर्ट ने आज आसाराम को पांच साल पहले एक नाबालिग के साथ रेप का दोषी करार देते हुए आज उम्रकैद की सजा सुनाई. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो आश्रम कभी हमारे लिए गौरव की बात होता था, आज वह गांव के लिए बदनामी की वजह बन गया है.


उम्रकैद की सजा सुनते ही रोने लगा आसाराम, बाद में कांस्टेबल से बोला- ‘जेल में मौज करूंगा’