लड़ाकू विमान के पायलट की समझदारी से टला हादसा, वायुसेना ने की तारीफ
वीडियो में दिख रहा है कि ड्रॉप-टैंक और प्रैक्टिस बम गिरते ही जमीन पर आग लग जाती है. आग का गुब्बर आसमान तक दिखाई पड़ता है. जानकारों की मानें तो ये आग सीबीएलएस पोड्स में मौजूद (मामूली) बारूद और ऑयल-टैंक के चलते लगी.
नई दिल्ली: गुरूवार को अंबाला एयरबेस पर पक्षी से टकराने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग कराने वाले जगुआर लड़ाकू विमान का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि पायलट ने बड़े ही सूझबूझ से बर्ड-हिट के तुरंत बाद फ्यूल-टैंक और प्रैक्टिस बमों को नीचे गिरा दिए ताकि विमान हल्का हो जाए और सुरक्षित लैंडिंग करा सके. वायुसेना ने भी पायलट की इस सूझबूझ की प्रशंसा की है.
48 सेकेंड के इस वीडियो में जगुआर फाइटर जेट अंबाला एयरबेस से टेकऑफ करते दिख रहा है. जैसे ही लड़ाकू विमान आसमान की तरफ उड़ता है तभी पक्षी से टकरा जाता है. वीडियो में एक पक्षी भी साफ दिखाई पड़ रहा है. वायुसेना के मुताबिक, बर्ड-हिट के चलते जगुआर का एक इंजन फेल हो गया था. इससे विमान असंतुलित होकर क्रैश हो सकता था. लेकिन युवा पायलट ने बड़े ही प्रोफेशनल-तरीके का परिचय देते हुए पलक झपकते ही विमान के दो रिर्जव ड्रॉप-टैंक (यानि फ्यूल-टैंक) और प्रैक्टिस-बम (कैरियर बम लाइट स्टोर्स यानि सीबीएलएस-पोड्स) गिरा दिए.
Video: #Jaguar aircraft hit by bird during take off at #Ambala air base ystrdy & how professionally young pilot aftr one engine failure jettisoned drop-tanks & practise bombs to save fighter jet & landed back safely pic.twitter.com/Ls1PXAbHtL
— Neeraj Rajput (@neeraj_rajput) June 28, 2019
वीडियो में दिख रहा है कि ड्रॉप-टैंक और प्रैक्टिस बम गिरते ही जमीन पर आग लग जाती है. आग का गुब्बर आसमान तक दिखाई पड़ता है. जानकारों की मानें तो ये आग सीबीएलएस पोड्स में मौजूद (मामूली) बारूद और ऑयल-टैंक के चलते लगी.
जानकारों के मुताबिक, इसीलिए वायुसेना लगातार अपील करती है लोगों से कि किसी भी एयरबेस के आसपास कचरा ना डाले और ना ही कोई स्लॉटर-हाउस इत्यादि हो. क्योंकि इन सबसे से पक्षी बेस के आसपास मंडराते रहते हैं और एयरक्राफ्ट ऑपरेशन में दिक्कत आती है. साथ ही पायलट की जान और युद्ध में सक्षम ऐसे मंहगे फाइटर जेट क् क्रैश होने की नौबत तक आ सकती है. अंबाला एयरबेस जहां ये दुर्घना हुई वहां तो एयरबेस के बेहद करीब रिहायशी इलाका था. ऐसे में जरा सी चूक से बड़ा जान-माल का नुकसान हो सकता था.