सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया गया है कि सरकार की ओर से देश की बेटियों को डेढ़ लाख रुपये की नगद राशि दी जा रही है. इसके साथ यह भी दावा किया गया कि प्रधानमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना के तहत यह राशि बांटी जा रही है. पीआईबी फैक्ट चेक ने दावे को फर्जी बताया है.


पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है. इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार की तरफ से न तो ऐसी कोई योजना चलाई जा रही है और न ही इतनी बड़ी नगद राशि बांटी जा रही है. पीआईबी फैक्ट चेक ने दोनों दावों को फर्जी बताया है.


पीआईबी फैक्ट चेक ने 6 फरवरी को X पर यह पोस्ट किया था. इसमें कहा गया, 'एक YouTube वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा पीएम लाडली लक्ष्मी योजना के तहत सभी बेटियों को 1,60,000 रुपये की नगद राशि दी जा रही है. यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है.'


केंद्र सरकार नहीं चला रही लाडली लक्ष्मी योजना
केंद्र सरकार की तरफ से लाडली लक्ष्मी योजना नहीं चलाई जा रही है. यह योजना मध्य प्रदेश की है, जो 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शुरू की गई थी. इस योजना के तहत राज्य की बेटियों की शुरुआती शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक मदद की जाती है. साथ ही अगर लड़की की उम्र 21 साल हो जाती है और उसकी शादी नहीं होती तो 1 लाख रुपये की राशि एकमुश्त दी जाती है. इसके तहत अलग-अलग किस्त में बेटियों को 1 लाख 43 हजार रुपये दिए जाते हैं. इसमें छठी क्लास में एडमिशन पर 2 हजार, 9वीं में 4 हजार और 11वीं एवं 12वीं के लिए 6-6 हजार रुपये की किस्त उनके खाते में जमा होती है. फिर ग्रेजुएशन या कोई और कोर्स करने के लिए 25-25 हजार रुपये दो किस्त में दिए जाते हैं. वहीं, 21 साल की होने पर अगर शादी नहीं होती है तो 1 लाख रुपये की मदद की जाती है.


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