नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए देखने होंगे वीडियो ट्यूटोरियल, परिवहन मंत्रालय बना रहा है नए नियम
नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को ड्राइविंग टेस्ट से पहले वीडियो ट्यूटोरियल भी देखने होंगे. वीडियो ट्यूटोरियल को सफलतापूर्वक पूरा नहीं करने तक लाइसेंस के लिएआवेदन नहीं कर सकेंगे. सरकार इस साल नवंबर से ऐसे रूल्स लागू करने जा रही है.
नई दिल्ली: नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों को इस साल नवंबर से ड्राइविंग टेस्ट के लिए जाने से एक महीने पहले सेफ ड्राइविंग प्रैक्टिस पर ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल से गुजरना होगा. वीडियो ट्यूटोरियल में सेफ ड्राइविंग प्रैक्टिस की डिटेल के अलावा लापरवाह ड्राइविंग से प्रभावित लोगों के परिवार के सदस्यों के इंटरव्यू भी होंगे.
इसी तरह जिन लोगों का लाइसेंस बना हुआ है और वे कुछ टाइप के ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले में पकड़े जाते हैं तो उन्हें ड्राइवर सेफ्टी सर्टिफिकेशन कोर्स करना होगा. कोर्स पूरा कर चुके ड्राइवरों को ट्रैक करने के लिए उनके ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ा जाएगा.
हेलमेट नहीं पहनकर टोल प्लाजा पार करने वालों की फुटेज होगी शेयर सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा पार करने के दौरान हेलमेट नहीं पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों की फुटेज शेयर करने के लिए एक मैकेनिज्म रोलआउट करने के लिए 31 अक्टूबर की समय सीमा तय की है. यह फुटेज उनका चालान बनाने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ शेयर की जाएगी. यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि बड़े शहरों में यातायात पुलिस की ओर से लगाए कैमरों में इस तरह के उल्लंघन के मामले पकड़े जाते हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे देश के अन्य हिस्सों में लगभग न के बराबर हैं.
2019 में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 44,666 दोपहिया वाहन चालक और उनके साथ बैठे लोग हेलमेट नहीं पहनने के कारण मारे गए और ऐसे लोगों की संख्या एक्सीडेंट में मारे गए सभी दोपहिया वाहनों में लगभग 80 फीसदी है.
वीडियो ट्यूटोरियल को सफलतापूर्वक पूरा नहीं तक लाइसेंस के लिए नहीं कर सकेंगे आवेदन सूत्रों के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नए आवेदकों के लिए ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल और मौजूदा ड्राइवरों के लिए सेफ्टी सर्टिफिकेशन कोर्स के लिए डिटेल प्रोटोकॉल अगले कुछ हफ्तों में संशोधित एमवी अधिनियम के तहत सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में दिए जाएंगे.
सूत्रों ने कहा कि रोड सेफ्टी में विशेषज्ञता वाले राज्यों और संगठनों के पास कई वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध हैं. “इसके लिए एक एकीकृत प्रणाली होगी और आवेदक तब तक आवेदन नहीं कर सकेगा जब तक कि उसने वीडियो ट्यूटोरियल को सफलतापूर्वक पूरा नहीं कर लिया हो. यह उन्हें नियमों के बारे में जागरूक करेगा और उन्हें गैर-जिम्मेदार ड्राइवरों की वजह से सड़क दुर्घटना के कारण पीड़ित लोगों के अनुभवों की जानकारी मिलेगी.” दुनिया भर में ट्रेंड बताते हैं कि ड्राइवर का बिहेवियर ट्रैफिक दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है.
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