Videocon Loan Case: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ (ICICI Bank Ex CEO) चंदा कोचर (Chanda Kochhar) ने बैंक को धोखा दिया और नियमों का उल्लंघन करके वीडियोकॉन (Videocon) को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिलाने में मदद की. इसके बदले में उनके पति दीपक कोचर की फर्म को 64 करोड़ रुपये दिए गए. सीबीआई (CBI) ने लोन फ्रॉड केस (Videocon Loan Fraud Case) में ये खुलासा किया है. जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने 8 दिसंबर, 2017 को बैंक अधिकारियों और वीडियोकॉन ग्रुप से जुड़े मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की थी.


एफआईआर (FIR) में चंदा कोचर पर यह आरोप लगाया गया था कि आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने वेणुगोपाल धूत के जरिए प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह से जुड़ी सभी कंपनियों ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Trade Electronics Limited), सेंचुरी अप्लायंसेज लिमिटेड (Century Appliances Limited), कैल लिमिटेड (Cal Ltd.,) वैल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Value Industries Ltd.) और इवान फ्रेजर एंड कंपनी लिमिटेड (Evan Fraser & Co. Ltd.) को लगभग 3,250 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं मंजूर की थीं.


चंदा कोचर पर गंभीर आरोप लगे हैं


आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के अधिकारियों ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की क्रेडिट नीति के उल्लंघन में इन कंपनियों को क्रेडिट सुविधाओं का अप्रूवल दिया गया. ऐसे आरोप थे कि धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और एसईपीएल को दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को सर्किट मार्ग से स्थानांतरित कर दिया. यह 2010-2012 के बीच किया गया था. सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए गहन जांच की क्योंकि आरोप गंभीर प्रकृति के थे.


जून 2009 से अक्टूबर 2011 तक हुई घोखाधड़ी


अधिकारी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह की विभिन्न कंपनियों को 6 हाई रेट लोन लोन स्वीकृत किए. 2009 में, स्वीकृति समिति द्वारा नियमों और नीति के उल्लंघन में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया था.


चंदा कोचर ने गलत तरीके से पैसा कमाया


सीबीआई ने आरोप लगाया है, चंदा कोचर मंजूरी समिति के सदस्यों में से एक थीं, जिन्होंने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची और आपराधिक साजिश के तहत बेईमानी से अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए वीआईईएल के पक्ष में ऋण स्वीकृत किया. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि लोन मिलने के एक दिन बाद धूत ने दीपक कोचर की कंपनी एनआरएल को वीआईएल से अपनी कंपनी एसईपीएल के जरिए 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. सीबीआई ने कहा है कि यह चंदा कोचर द्वारा प्राप्त गलत धन था.


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