(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vijay Diwas पर सरकार के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने कहा- 'Indira Gandhi ने देश के लिए 32 गोलियां खाईं, लेकिन...'
Vijay Diwas, Rahul Gandhi Dehradun Visit: कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50वें विजय दिवस पर इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र नहीं किया.
Vijay Diwas, Rahul Gandhi Dehradun Visit: कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50वें विजय दिवस पर इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र नहीं किया. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंचे कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके परिवार ने देश के लिए कुर्बानी दी. 31 अक्टूबर को याद करते हुए उन्होंने कहा, "मेरी दादी देश के लिए शहीद हुईं. देश की खातिर इंदिरा गांधी ने 32 गोलियां खुद पर लीं. 1971 को हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे होने पर आयोजित सरकारी कार्यक्रमों में उनके नाम का कोई जिक्र नहीं किया गया."
इसे लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया. प्रियंका ने ट्वीट किया, "हमारी पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बीजेपी सरकार के विजय दिवस समारोह से बाहर रखा जा रहा है. उन्होंने जिस दिन भारत को जीत दिलाई और बांग्लादेश को आजाद कराया उस दिन की 50वीं वर्षगांठ पर उनके ही नाम का जिक्र नहीं है. प्रियंका ने आगे लिखा, "नरेंद्र मोदी जी, महिलाएं आपकी बातों पर विश्वास नहीं करती हैं. आपका ये संरक्षणवादी रवैया स्वीकार्य नहीं है."
Our first and only woman Prime Minister, Indira Gandhi is being left out of the misogynist BJP government’s Vijay Diwas celebrations. This, on the 50th anniversary of the day that she led India to victory and liberated Bangladesh...1/2 pic.twitter.com/Ymlm57Ji7e
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 16, 2021
गांधी जी के कार्यों को याद नहीं करने का प्रयास कर रहे- खड़गे
वहीं, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन के बाहर विजय चौक पर संवाददाताओं से कहा, "बांग्लादेश की आजादी को 50 साल हो गए. बांग्लादेश की आजादी के लिए कांग्रेस की सरकार और खासकर इंदिरा गांधी जी ने जो प्रयास किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. इंदिरा गांधी जी ने बांग्लादेश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए पूरी ताकत के साथ काम किया."
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "आज चंद लोग इंदिरा गांधी जी को भुलाने और उनके कार्यों को याद नहीं करने का प्रयास कर रहे हैं. विजय दिवस मनाते हुए भाषण देते हैं, लेकिन उन्हें यह भी बोलना चाहिए कि कौन सी सरकार और किस नेता ने बांग्लादेश को आजाद करवाया. यह भी बताना चाहिए उस वक्त हमारी सरकार और सेना ने 95 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया था."
अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को 'दुर्गा का अवतार' बताया- खड़गे
खड़गे के मुताबिक, उस वक्त के विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी की तारीफ की थी और उन्हें 'दुर्गा का अवतार' बताया था. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भले ही इंदिरा गांधी को याद नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल के उपलक्ष्य में देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रमों का आयोजन किया और अपने शहीदों और जवानों के पराक्रम को याद किया.
युद्ध में हमने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी थी- गौरव गोगोई
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया, "आज हमारे प्रधानमंत्री इतना असुरक्षित और कमजोर हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री का नाम नहीं लेते, कांग्रेस पार्टी की भूमिका और पूर्व की सरकार के काम को स्वीकार नहीं करते." उन्होंने कहा, "उस युद्ध में हमने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी थी और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे. यह सब सेना के शौर्य और इंदिरा गांधी के साहसिक नेतृत्व के कारण संभव हुआ था. यही वजह थी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा जी को मां दुर्गा का अवतार बताया था."
भाजपाई अपनी सस्ती और घटिया राजनीति से बाज नहीं आएंगे- सुरजेवाला
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार और भाजपाई अपनी सस्ती और घटिया राजनीति से बाज नहीं आएंगे. बंगलादेश की आजादी के 50वें विजय-शौर्य दिवस पर प्रधानमंत्री और सरकार के लोगों द्वारा 1971 की लड़ाई की आयरन लेडी इंदिरा गांधी जी का नाम तक न लेना उनकी कुंठित और संकुचित मानसिकता का उदाहरण है."
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "इतिहास बदलने का प्रयास सफल नहीं होगा. इतिहास तो जो सच है, वही रहेग.। सदा यही याद किया जाएगा कि 1971 में इंदिरा गांधी के राजनीतिक नेतृत्व में ही पाकिस्तान को मात दी गई थी और उसके दो टुकड़े किए गए थे."
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहादत देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के पराक्रम और बलिदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "50वें विजय दिवस पर मैं मुक्तियोद्धाओं, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की वीरता और बलिदान को याद करता हूं. साथ मिलकर हमने दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और विजय हासिल की. ढाका में राष्ट्रपति जी की उपस्थिति प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष महत्व रखती है."
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