Vijay Kumar Death: विजय कुमार ने जुलाई में घर आने का किया था वादा, लेकिन आया शव, रोते परिजनों ने बयां किया दर्द
Bank Manager Vijay Kumar: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में मारे गए राजस्थान के विजय कुमार के परिजनों का बहुत बुरा हाल है. रोते बिलखते चेहरे बता रहे हैं कि उनके परिवार के साथ आतंकियों ने क्या किया है.
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Target Killing: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के कुलगाम (Kulgam) में मारे गए राजस्थान (Rajasthan) के रहने वाले विजय कुमार (Vijay Kumar) की तीन दिन पहले ही इस बैंक (Bank) में पोस्टिंग हुई थी. आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाकर अपना शिकार (Target Killing) बना लिया और एक हसते खेलते परिवार को उजाड़कर रख दिया. विजय कुमार हनुमानगढ़ जिले (Hanumangarh) के नोहर तहसील के गाव भगवान के रहने वाले थे. विजय कुमार ने अपने परिवार से जुलाई में अपने घर आने का वादा किया था लेकिन आज उनका पार्थिव शरीर (Dead Body) ही गांव पहुंचा. पढ़ने लिखने में होशियार विजय कुमार ने अपनी स्कूली पढ़ाई नोहर से की थी.
क़रीब 4 महीने पहले मनोज कुमारी के साथ विवाह के बंधन में बंधे विजय कुमार अपनी शादी एल्बम और वीडीयो भी नही देख सके और इससे पहले ही आतंकी हमले का शिकार हो गए. उनकी इस साल 10 फ़रवरी को शादी हुई थी.
विजय कुमार की पत्नी कुलगाम में थी
जिस समय उन पर हमला हुआ उनकी पत्नी उस समय कुलगाम में ही थी. विजय के छोटे भाई अनिल अपनी भाभी को कुछ दिन पहले ही गांव से कुलगाम छोड़कर आए थे. अनिल और विजय की उम्र में दो साल का अंतर था लेकिन दोनो भाइयों के सम्बंध दोस्ताना थे. विजय के घर में कोहराम मचा है और मां और पत्नी के आंसू थमने का नाम ही नही ले रहे. मनोज तो अपनी पति की पार्थिव शरीर के साथ कुलगाम से भगवान गांव तक आईं है. मां रमैती को अफ़सोस है कि उनका लाल अगर पहले ही ऐसी नौकरी छोड़ देता तो ये दिन नही देखना पड़ता.
विजय का परिवार शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय
विजय के परिवार की गांव में खेती बाडी है लेकिन परिवार के ज़्यादातर सदस्य शिक्षा के क्षेत्र (Education Field) से ताल्लुक़ रखते हैं. पिता ओम् प्रकाश सरकारी स्कूल में टीचर (Teacher In Government School) और उनके तीन चाचा और ताऊ भी अध्यापक (Teacher) है. घर के बुजुर्ग दादा-दादी भी इस परिवार का अहम हिस्सा है. पिता ओम् प्रकाश के मुताबिक़ विजय पढ़ने-लिखने में काफ़ी होशियार (Inteligent) था.
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