नई दिल्ली: देश का 9,000 करोड़ लेकर फरार विजय माल्या ने कल एक सनसनीखेज दावा किया. इस दावे में उसने कहा कि देश छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर सेटेलमेंट की पेशकश की थी. माल्या के इस दावे से देश में राजनीतिक भूचाल आ गया और जेटली के बचाव से उनके इस्तीफे की मांग तक कई बड़ी बातें हुईं.


भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि मैं भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था. लंदन में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर उन्होंने कहा, ''मैंने पूरे मामले को सुलझाने के लिए भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. मैं बैंकों का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए.'' आपको बता दें कि विजय माल्या 2 मार्च 2016 को देश छोड़कर गया था.


कांग्रेस नेता ने एबीपी ले कहा- माल्या से मिले जेटली
कांग्रेस नेता पी एल पुनिया ने ये कह कर इस मामले में हलचल मचा दी है कि माल्या के देश छोड़कर भागने से दो दिन पहले उन्होंने माल्या और जेटली को सेंट्रल हॉल में बातचीत करते हुए देखा था. पुनिया का कहना है कि उसी बातचीत में हो सकता है कि जेटली ने माल्या को देश छोड़ने की सलाह दी होगी.


एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए पुनिया ने कहा, ''जब विजय माल्या गए हैं उससे दो दिन पहले सेंट्रल हॉल में मैंने देखा कि विजय माल्या अलग से अरुण जेटली से बहुत गंभीर वार्ता कर रहे हैं. आज उन्होंने स्वीकार किया कि मैं वित्त मंत्री से मिला था और सेटलमेंट करना चाहता हूं. इन्होंने (जेटली ने) राय दी कि अब हिंदुस्तान से चले जाओ वर्ना जांच एजेंसियां आपके पीछे पड़ी हैं.''


जेटली ने खारिज किया दावा
वहीं, माल्या के दावों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा, “माल्या का बयान गलत है. साल 2014 के बाद से मैंने उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं दिया. ऐसे में उनसे मेरे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.”






जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया. वित्त मंत्री ने लिखा है, “उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया. चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास कर्ज के समाधान की एक योजना है.”






जेटली ने कहा, “उसकी पहले की ऐसी ‘झूठी पेशकश’ के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि ‘मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए.”


राहुल ने मांगा इस्तीफा
वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात को लेकर विजय माल्या के दावों के बाद विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि जेटली को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''विजय माल्या ने लंदन में जो आरोप लगाए वह गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुरंत इस मामले में स्वतंत्र जांच के लिए आदेश देना चाहिए. जांच पूरी होने तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहिए.''






कांंग्रेस के सुरजेवाला भी हमलावर
वहीं, कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार को वित्त मंत्री जेटली से माल्या की मुलाकातों का ब्योरा देना होगा. पार्टी ने कहा, ''सरकार को बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से जाने कैसे दिया गया.''


कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “भगौड़ो का साथ, लुटेरों का विकास बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य है. मोदी जी, आपने ललित मोदी, नीरव मोदी ‘हमारे मेहुल भाई’,अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों रूपये लुटवा, विदेश भगा दिया. विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिलकर ,विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं,भागीदार है!''






केजरीवाल का सवाल- वित्त मंत्री ने ये बात क्यों छुपाई
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि अब तक वित्त मंत्री ने ये बात क्यों छुपाई? उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला है. केजरीवाल ने दावा किया, ''नीरव मोदी ने देश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. विजय माल्या ने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात की. इन बैठकों में क्या हुआ? लोग जानना चाहते हैं.''






वहीं बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी सरकार घोटालेबाजों और भगोड़ों के साथ हाथ मिलाए हुए है. उन्होंने मिलकर हजारों करोड़ के लूट की साजिश रची. पीएम और वित्तमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए.






10 दिसंबर को आएगा माल्या के प्रत्यर्पण पर फैसला
भारत छोड़कर इंग्लैंड भागे विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर लंदन का वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट 10 दिसंबर को फैसला सुनाएगा. किंगफिशर एयरलाइन के 62 वर्षीय प्रमुख पिछले साल अप्रैल में जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद से जमानत पर है. भारत सरकार उसे वापस लाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. माल्या पर भारत में करीब 9000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.


ये भी देखें


घंटी बजाओ: गन्ना किसानों पर योगी जी की उल्टी वाणी ! गन्ना छोड़ किसान क्यों बेचें सब्जी ?