नई दिल्ली: भारतीय बैंकों को करीब 9 हजार करोड़ रुपया का चूना लगाकर फरार विजय माल्या ने कहा है कि वह मूल राशि लौटाने के लिए तैयार है. फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे माल्या ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ''पिछले तीन दशकों तक सबसे बड़े शराब समूह किंगफिशर ने भारत में कारोबार किया. इस दौरान करोड़ों की मदद की. किंगफिशर एयरलाइंस भी सरकार को भरपूर भुगतान कर रही थी. लेकिन शानदार एयरलाइंस का दुखद अंत हुआ, मगर फिर भी मैं बैंकों को भुगतान करना चाहता हूं जिससे उन्‍हें कोई घाटा न हो. कृपया ऑफर को स्‍वीकार करें.''


दरअसल, 10 दिसंबर को विजय माल्या के भाग्य का फैसला होना है. उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. विजय माल्या के आज के ऑफर को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह भारतीय बैकों के 100 प्रतिशत कर्ज चुकता करने को तैयार हैं, मगर वह ब्याज नहीं दे सकते हैं.


विजय माल्या ने कहा, ''राजनेता और मीडिया लगातार मुझे पीएसयू बैंकों का पैसा उड़ा लेने वाला डिफॉल्‍टर बताया है. यह सब झूठ है. मेरे साथ पक्षपात किया गया है. मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में व्यापक निपटान का प्रस्ताव दिया था, इस पर किसी ने आवाज नहीं उठाई. दुखद है.''


माल्या ने कहा, ''किंगफिशर एयरलाइंस ईंधन (ATF) की ऊंची दरों की बनी. यह एक शानदार एयरलाइंस थी, जिसने क्रूड ऑयल की 140 डॉलर प्रति बैरल के उच्‍चतम कीमत का सामना किया. घाटा बढ़ता गया, बैंकों का पैसा इसी में जाता रहा. मैंने बैंकों को 100 फीसदी मूलधन वापसी का ऑफर दिया है. कृपया आप इसे स्‍वीकार करें.''










विजय माल्या ने सितंबर में दावा किया था कि 2016 में भारत छोड़ने से पहले उसने वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. माल्या ने तब दावा किया था, ''मेरी जेनेवा में एक बैठक प्रस्तावित थी. भारत छोड़ने से पहले मैंने वित्तमंत्री से मुलाकात की थी..बैंकों के साथ मामला निपटाने का अपना प्रस्ताव मैंने दोहराया था. यह सच है." माल्या को भारत लाने के लिए सरकार लगातार कोशिश करती रही है. फिलहाल मामला ब्रिटेन की एक अदालत में चल रहा है.


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