नई दिल्ली: कांग्रेस ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लेकर शुक्रवार को भी सरकार पर हमला जारी रखा और सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताएं कि माल्या को भगाने के षड्यंत्र का सूत्रधार कौन है? कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि माल्या और अरुण जेटली की मुलाकात पर हुए खुलासे पर प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री की रहस्यमयी चुप्पी 'एडमिशन ऑफ गिल्ट' का प्रमाण है. कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरते हुए पांच सवाल पूछे-
1. वरिष्ठ सांसद पीएल पुनिया ने साफ किया है कि उन्होंने विजय माल्या और अरुण जेटली को बैठकर बात करते देखा. जबकि जेटली का दावा किया कि माल्या कॉरिडोर में मिले. पुनिया ने सेंट्रल हॉल के CCTV सार्वजनिक करने की मांग की. 24 घंटे गुजर गए लेकिन हर तरफ चुप्पी क्यों छाई है?
2. 1 मार्च को माल्या जेटली से मिले, 2 मार्च को माल्या भाग गए. 30 महीने तक जेटली ने इस मुलाकात पर चुप्पी साधे रखी. जेटली ने इन बातों को सदन के पटल पर क्यों नहीं रखा?
3. जब माल्या जेटली से कह रहे थे कि 'वो 'लंदन जा रहा है, तो जेटली ने एजेंसियों को क्यों सचेत नहीं किया?
4. वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि SBI ने उनसे 28 फरवरी को माल्या के खिलाफ कार्रवाई के लिए सलाह मांगी. दवे के सलाह दी कि 29 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा कर माल्या का पासपोर्ट जमा करने की मांग की जाए. बैंक अधिकारी दवे के पास आए ही नहीं. इसका क्या कारण है? कौन इसके पीछे है?
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5. पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि माल्या को किसी ने सलाह दी कि वो देश छोड़ कर चला जाए. जुलाई 2015 तक माल्या 7 हजार करोड़ का डिफॉल्टर हो चुका था. फिर क्या वजह है कि किसी बैंक ने भी कोई मुकदमा दर्ज नहीं करवाया? मोदी सरकार में व्यक्ति है जो बैंको को ऐसा करने से रोक रहा था.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाल ने कहा कि आज CBI कम्फर्ट ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन बन गई है. CBI की तरफ से 29 जुलाई 2015 को माल्या के खिलाफ FIR किया जाता है. 10 अक्टूबर को छापा मारा जाता है. 16 अक्टूबर को लुकआउट नोटिस टू डिटेन जारी किया जाता है. 23 नवम्बर को CBI लुकआउट नोटिस टू डिटेन को इन्फॉर्म नोटिस में बदल देती है.
सुरजेवाला ने कहा कि 19 अगस्त 2014 को माल्या को डिफॉल्टर घोषित किया गया. 1 सितम्बर 2014 UBI ने डिफॉल्टर घोषित किया. मई 2014 CFIO ने मुकदमा दर्ज किया था. CBI अब कैसे कह सकती है पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण नोटिस बदला गया?
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उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि माल्या को भगाने के पूरे षड्यंत्र की साजिश किसने रची, माल्या को किसने बचाया? प्रधानमंत्री अगर अब भी कार्रवाई नहीं करते तो साफ हो जाएगा तो चौकीदार केवल भागीदार ही नहीं गुनहगार भी है. उन्होंने कहा कि जेटली को इस्तीफा भी देना पड़ेगा और मोदी सरकार को जांच भी करानी पड़ेगी.
सुरजेवाला ने कहा कि अगले साल सत्ता में आने पर कांग्रेस माल्या को 'हथकड़ी डालकर' भारत वापस लाएगी. दरअसल, माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी.
वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा था कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था. जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था.
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