भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से अपील की है कि कर्ज की धनराशि मुझसे वापस ले लें. भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अपनी अपील पर सुनवाई के दौरान माल्या ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उसके साथ जो कर रहा है, वह अनुचित है. माल्या भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अपनी अपील पर सुनवाई के दौरान वह रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंचा था.
अपने ऊपर कर्ज को लेकर विजय माल्या ने कहा, 'मैं हाथ जोड़कर भारतीय बैंकों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने कर्ज की 100 प्रतिशत मूल राशि तुरंत वापस ले लें.'
9 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का है आरोप
विजय माल्या भारत में 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वांछित है. माल्या ने अपनी कंपनी के लिए लोन लेने के बाद उसे नहीं चुकाया. कर्ज बढ़ने के बाद माल्या भारत छोड़ गुपचुप तरीके से लंदन के लिए फरार हो गया.
माल्या के वकील मार्क समर्स ने गुरुवार को बहस शुरू करते हुए कहा, ''उन्होंने (किंगफिशर एयरलाइन ने बैंकों को) लाभ की जानबूझकर गलत जानकारी दी थी.'' सुनवाई के दौरान लार्ड जस्टिस स्टेफन ईरविन और जस्टिस इलिसाबेथ लाइंग ने कहा, ''बहुत जटिल मामले पर विचार करने के बाद किसी ओर तारीख को फैसला देंगे.''
जमानत पर है माल्या
माल्या को भारत प्रत्यर्पण करने के मामले पर दो जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. माल्या फिलहाल प्रत्यर्पण वॉरंट को लेकर जमानत पर है. माल्या के लिए यह जरूरी नहीं कि सुनवाई में हिस्सा ले, लेकिन वह अदालत पहुंचा था.
माल्या के पक्ष की ओर से इस बात को खारिज किया जा रहा है कि उसके खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है. बचाव पक्ष का जोर इस बात पर रहा कि किंगरफिशर एयरलाइन आर्थिक दुर्भाग्य का शिकार हुई है, जैसे अन्य भारतीय एयरलाइनें हुई हैं.
भारत ओर से दलील दी गई है कि 32000 पन्नों में प्रत्यर्पण के दायित्वों को पूरा करने के लिए सबूत हैं. वकील ने कहा कि न केवल प्रथम दृष्टया मामला बनता है, बल्कि बेईमानी के अत्यधिक सबूत हैं. अपील पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और लंदन में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद थे.
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