दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर की राव IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भारी बारिश के चलते पानी भरने से UPSC के 3 छात्रों की मौत हो गई. अपने साथियों की मौत पर UPSC के छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस घटना पर चर्चित शिक्षक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.  सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद अब विकास दिव्यकीर्ति ने इस घटना पर अपना जवाब दिया है.


 समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में मशहूर शिक्षक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति से जब पूछा गया कि इन बच्चों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है. इस पर दिव्यकीर्ति ने कहा, मैं इस चीज पर बचता हूं कि सारी गलती किसी एक पर ही डाल दी जाए. जैसे सोशल मीडिया मुझ पर थोप रहा है. आप भी किसी पर थोपना चाहते हैं तो थोप सकते हैं. लेकिन मैं नहीं थोपूंगा.


एजेंसियों में सामंजस्य की कमी- दिव्यकीर्ति


उन्होंने कहा, गलती किसकी है? मेरे ख्याल से एक कमी ये है कि अलग अलग कानून और अलग अलग एजेंसियों में सामंजस्य की कमी है. नियत सबकी ठीक है. अगर सामंजस्य होता तो ये घटना न होती. 


दिव्यकीर्ति ने कहा, आज मीटिंग में एक प्रस्ताव आया, जिस पर एलजी साहब ने तुरंत हां कर दी. हम लोगों ने कहा कि आप एक ऐसी कमेटी बना दें, जहां हम सब लोग अपना पक्ष रख दें, उसके बाद आप जो आदेश देंगे, जो नियम बनाएंगे. हम 10-15 दिन में उसका पालन करना शुरू कर देंगे. जो कोचिंग सेंटर उसे न माने उसे बंद कर दीजिए. 


बेसमेंट में कैसा भरा पानी?


विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, इस घटना की जिम्मेदारी तय करनी है तो मेरे ख्याल से पहली समस्या सामंजस्य की कमी. दूसरा भ्रष्टाचार की समस्या तो निश्चित रूप से है ही. अगर आप उस दिन का वीडियो देखेंगे तो मैं उसे देखकर हैरान हूं कि सड़क पर पानी भरा हुआ है. बेसमेंट का लेवल सड़क के लेवल के बिल्कुल बराबर है. बहुत खतरा नजर आ रहा है कि अगर पानी उछला तो नीचे बेसमेंट में भर जाएगा.


उन्होंने बताया, इतने में एक कार निकली, मुझे पता चला कि वहां एक पैनल रखकर पानी को अंदर जाने से रोका गया था. बच्चे लाइब्रेरी में बैठे हुए थे. जैसे ही जीप तेजी से निकली, पानी उछला और उससे पैनल टूट गया और पानी अंदर चला गया. एक तो दरवाजा बायोमेट्रिक होने की वजह से बंद हो गया. दूसरा पानी नीचे आ रहा था और बच्चे बाहर निकल गए थे. तभी पानी के बहाव से एग्जॉस्ट फैन भी टूट गया. इसलिए पानी और तेजी से अंदर आ गया. 


कमर तक के पानी से सिर के ऊपर तक पानी जाने में सिर्फ 50 सेकेंड से 1 मिनट तक का समय लगा. एलजी साहब ने मीटिंग में बताया कि सीवर लाइन हैं जो उस इलाके में वो अतिक्रमण से कवर हो गईं.  अतिक्रमण में कोई न कोई शामिल रहा होगा.