भोपाल/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस छह दिनों उसकी तलाश कर रही थी.


गिरफ्तारी से पहले दुबे ने मंदिर में जाने के लिए टिकट और प्रसाद खरीदा. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि दुबे के दो साथियों बिट्टू और सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने दुबे को गिरफ्तार कर लिया है और वह अब हमारी हिरासत में है.’’


दस बड़ी बातें




  1. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री के मुताबिक, दुबे कार से महाकाल मंदिर पहुंचा था. मौके पर मौजूद एक कांस्टेबल ने उसकी शिनाख्त की और इसके तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया गया. उसे पूछताछ के लिए बगल में ले जाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया.

  2. दूसरी तरफ, मंदिर से जुड़े सूत्रों ने दुबे की गिरफ्तारी के संदर्भ में थोड़ा अलग ब्योरा दिया है. उनका कहना है कि दुबे सुबह के समय मंदिर के द्वार पर पहुंचा और पुलिस चौकी के निकट मौजूद काउंटर से 250 रुपये का टिकट का खरीदा. जब वह निकट की एक दुकान से प्रसाद खरीद रहा था तो दुकान का मालिक उसे पहचान गया और पुलिस को अलर्ट किया.

  3. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दुबे को मंदिर में प्रवेश से पहले ही दबोच लिया गया या फिर दर्शन के बाद मंदिर से आने पर उसे पकड़ा गया जैसा कि कुछ खबरों में कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि जब पुलिस ने उसका नाम पूछा तो उसने तेज आवाज में कहा, ‘विकास दुबे.’ इसके बाद मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं निजी सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया.

  4. यह पूछे जाने पर कि दुबे की पहचान किसने की तो नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'इंटेलीजेंस की बात भी बताएंगे. पहले हमें इसके मर्म तक आने दो. बाकी चीजें बाद में बताएंगे, पहले पता करने दो.' उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से वह प्रारंभ से ही क्रूरता की हदें पार करता रहा है और उसने जो कृत्य किया वह बहुत निंदनीय था, बहुत चिंतनीय था. मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है.

  5. उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि दुबे को ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश लाया जाएगा और कानपुर कांड में शामिल दुबे के गिरोह के सभी सदस्यों को पकड़ने तक हमारा अभियान जारी रहेगा. बीते शुक्रवार रात कानपुर के चौबेपुर इलाके में स्थित गांव बिकरू में पुलिस की टीम पर घात लगाकर हमला किया गया जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. यह पुलिस टीम दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी. इस घटना के बाद से दुबे फरार चल रहा था. पुलिस का कहना है कि दुबे करीब 60 आपराधिक मामलों में आरोपी है जिनमें हत्या के मामले भी हैं. वह 20 साल पहले थाने के भीतर हुई बीजेपी के एक विधायक की हत्या का आरोपी भी था, हालांकि सबूतों के अभाव में वह बरी हो गया.

  6. दुबे की गिरफ्तारी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘जिनको लगता है कि (उज्जैन में) महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएंगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं.' चौहान ने ट्वीट में किया, 'मैंने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बात कर ली है. शीघ्र आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'

  7. विकास दुबे की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले उसके दो कथित साथियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया. दुबे का साथी कार्तिकेय उर्फ प्रभात कानपुर में तब मारा गया जब उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की जबकि दूसरा साथी प्रवीण उर्फ बउवा दुबे इटावा में मुठभेड़ में मारा गया. बउवा दुबे पर 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित था. कानपुर के बिकरू गांव में गत शुक्रवार को पुलिस टीम पर हमले के बाद उप्र पुलिस दुबे के पांच कथित साथियों को ढेर कर चुकी है. इसके अलावा दो पुलिसकर्मियों समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

  8. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दुबे की गिरफ्तारी के संदर्भ में दावा किया, ‘‘यह तो उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेंडर लग रहा है. मेरी सूचना है कि मध्य प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है.’’

  9. बीजेपी के कई विधायकों और समाजवादी पार्टी के एक प्रवक्ता ने दुबे के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है.

  10. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर दावा किया कि उसका उज्जैन तक पहुंचना मिलीभगत की ओर इशारा करता है.


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