पटना: कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर बिहार के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी सवाल उठाया है. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने अपने ट्वीट में लिखा, "दुबे का मुंह बंद करवाना बीजेपी की मजबूरी थी, इसीलिए फर्जी एनकाउंटर जरूरी था!" आरजेडी से पहले कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी गैंगस्टर के एनकाउंटर पर सवाल उठा चुके हैं.


दरअसल, आज सुबह उज्जैन से कानपुर लाए जा रहे कुख्यात अपराधी विकास दुबे को जिस गाड़ी से लाया जा रहा था, वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इसके बाद विकास दुबे पिस्टल छीनकर भागने लगा और तभी पुलिस पर फायरिंग भी शुरू कर दी. इस दौरान उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गयी.





मायावती ने की सुप्रीम कोर्ट में जांच की मांग
बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट में जांच होनी चाहिए. बीएसपी मुखिया मायावती ने ट्विटर पर कहा, "कानपुर पुलिस हत्याकांड की और साथ ही इसके मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने, उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए."


उन्होंने कहा, "यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके. साथ ही, पुलिस और आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके. ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है."


मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर
यूपी पुलिस के आठ जवानों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर पकड़ा गया था. जिसे उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया गया है. कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे की कानपुर में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हो गई.


कानपुर के एसएसपी दिनेश पी के मुताबिक गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों के हथियार लेकर भाग रहा था. पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे मारा गया.


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