कानपुर: पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का कानपुर नगर के भैरव घाट विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इससे पहले, डॉ. आरसी गुप्ता की देखरेख में विकास का पोस्टमार्टम किया गया. लम्बे इंतजार तक कोई रिश्तेदार उसका शव लेने नहीं आया लेकिन तभी पुलिस उसके किसी बहनोई को लेकर आई, जो एम्बुलेंस के साथ भैरव घाट पहुंचा.


दुबे और बेटे को भी लेकर आई थी. इस दौरान ऋचा ने विकास दुबे को लेकर कहा कि जिसने गलती की उसे सजा मिली. विकास दुबे की मां ने पोस्टमार्टम केंद्र पर आने से इंकार कर दिया था लेकिन वह भी अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद रही. हालांकि परिवार के किसी सदस्य ने कोई बयान नहीं दिया. सबके चेहरे ढके हुए थे.


विकास का अंतिम संस्कार काफी फौरी तौर पर निपटा दिया गया क्योंकि विद्युत शवदाह गृह में उसके शव को जलाया गया. विकास को अंतिम मुखाग्नि उसके बहनोई ने दिया, जो चौबेपुर के शिवली गांव का बताया जा रहा है. बेटे ने मुखाग्नि क्यों नहीं दी, पुलिस ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा.


आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लेकर आ रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) दल ने कानपुर के पास के पास मार गिराया था. विकास सड़क दुर्घटना का फायदा उठाकर एक पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने के प्रयास में था. जिसके बाद उसे ढेर कर दिया गया.


कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुई गाड़ी?
एसटीएफ ने बताया कि कानपुर आ रही गाड़ी रास्ते में अचानक आए गाय-भैसों को बचाने में पलट गई. इसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की. जिसे पीछे से आ रही एसटीएफ की गाड़ी में सवार पुलिसकर्मियों ने मार गिराया.


Vikas Dubey Encounter: रास्ते में गाय-भैसों का झुंड आ गया, जानवरों को बचाने में पलट गई गाड़ी- यूपी एसटीएफ