नई दिल्ली: कानपुर में मुठभेड़ के दौरान आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे एक बार फिर से पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहा है. इस बार वह फरीदाबाद में पुलिस के हाथ से बचकर भागा है. पुलिस का कहना है कि फरीदाबाद क्राइम ब्रांच को मंगलवार को यह सूचना मिली थी कि विकास दुबे अपने साथी के साथ फरीदाबाद में छुपा हुआ है. वह न्यू इंदिरा कंपलेक्स, नहरपार में रुका हुआ है.
पुलिस जब वहां पहुंची तो पुलिस को एक घर बताया गया जिस तरीके से विकास दुबे ने कानपुर में पुलिस पर गोलीबारी की थी उसको देखते हुए फरीदाबाद में पुलिस ने काफी एहतियात भी बरती थी. उस घर को चारों तरफ से घेर लिया गया था. इतना ही नहीं पुलिस बल भारी संख्या में दबिश देने के लिए पहुंचा था. लगभग आठ गाड़ियों में पुलिस के 40 से 50 जवान मौजूद थे.
पुलिस का कहना है कि जब उस घर का दरवाजा खटखटाया गया तो एक युवक तुरंत ही भागा और उसने छत से 2 राउंड गोली चलाई, जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की लेकिन वह किसी को लगी नहीं. पुलिस की एक पार्टी ने पीछे के रास्ते से छत पर जाकर गोली चलाने वाले युवक को दबोच लिया, जिसकी पहचान प्रभात उर्फ कार्तिकेय के रूप में की गई. प्रभात भी कानपुर में हुई 10 पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में शामिल है. वह विकास दुबे के साथ ही यहां आया था.
प्रभात के पास से मिली 4 पिस्तौल
पुलिस का कहना है कि न्यू इंदिरा काम्प्लेक्स के जिस घर से प्रभात को पकड़ा गया, वहीं से प्रभात के पास से कुल 4 पिस्तौल बरामद की गई है. इनमें से 2 पिस्तौल यूपी पुलिस की सरकारी पिस्तौल है, जो प्रभात ने कानपुर में हुई मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मियों से लूटी थी. इसके अलावा लगभग 50 कारतूस भी बरामद किए हैं.
दो दिनों तक अंकुर के घर में रहा प्रभात और विकास
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि उन्हें मुखबिर से यह जानकारी मिली थी कि विकास दुबे यहां दो दिनों से ठहरा हुआ है. मुखबिर ने यह भी बताया था कि अंकुर और उसके परिजन कुछ अजीब व्यवहार कर रहे हैं. उनके घर कोई अनजान लोग देखे गए हैं, जो संदिग्ध लग रहे हैं और सभी परिजनों की भूमिका भी संदिग्ध है.
विकास को लग गई थी पुलिस की भनक
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जब पुलिस ने उस घर में दबिश दी तो वहां पर विकास नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने प्रभात से जब पूछताछ की तो पता चला कि जिस घर में वह छुपा हुआ है, वह अंकुर का है जो प्रभात का ही दोस्त है. अंकुर के पिता श्रवण को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया और इन्हीं की निशानदेही पर पुलिस ने बड़खल चौक पर स्थित एक गेस्ट हाउस में दबिश दी.
पुलिस को बताया गया था कि विकास उस गेस्ट हाउस में कमरा लेने के लिए गया था और अपने साथ में अंकुर की आईडी भी लेकर गया था. इसके बाद जब पुलिस उस गेस्ट हाउस में पहुंची तो वहां से भी विकास भाग चुका था. पुलिस ने गेस्ट हाउस के सभी कमरों की तलाशी ली लेकिन विकास का कोई सुराग नहीं मिला. सीसीटीवी फुटेज में विकास की कद काठी जैसा एक शख्स जरूर दिखाई दिया जो रिसेप्शन पर खड़ा हुआ था. जब होटल स्टाफ से बात की तो उसने पुलिस को बताया कि एक व्यक्ति कमरा मांगने के लिए आया था. उसके साथ में एक और व्यक्ति मौजूद था, लेकिन वह पैन कार्ड आईडी के तौर पर दिखा रहा था. जिसमें न तो फोटो स्पष्ट आ रही थी और न ही उसमें कोई पता लिखा था. इस वजह से होटल स्टाफ ने कमरा देने से मना कर दिया था.
महज 4 से 5 मिनट ही होटल में रुका था विकास- होटल मैनेजर
फरीदाबाद के जिस गेस्ट हाउस में विकास दुबे कमरा लेने पहुंचा था, उसके मैनेजर रोमी ने दावा किया है कि जिस शख्स को विकास दुबे बताया जा रहा है, वह शख्स अपने एक साथी के साथ मंगलवार दोपहर लगभग 12:30 बजे से 1 बजे के बीच में गेस्ट हाउस आया था. उसने कहा था कि रेस्ट करने के लिए कमरा चाहिए. जब उससे आईडी देने को कहा गया तो उसने एक पैन कार्ड दिया, जिसमें फ़ोटो साफ नहीं थी और पता भी नहीं लिखा था.
रोमी का कहना है कि उससे ड्राइविंग लाइसेंस या फिर कोई दूसरा पहचान पत्र देने के लिए कहा गया पर उसने इनकार कर दिया. इस पर कमरा देने से इनकार कर दिया गया और वह चला गया. यह सब लगभग 4 से 5 मिनट के अंतराल में हुआ.
सही तरीके से चल नहीं पा रहा था विकास दुबे- होटल मैनेजर
रोमी ने यह भी बताया कि जो व्यक्ति गेस्ट हाउस में कमरा लेने के लिए आया था, उसके पैर में कुछ लचक थी. वह सही तरीके से नहीं चल पा रहा था. ऐसा लग रहा था कि उसके पैर में कोई तकलीफ है और वह लंगड़ा कर चल रहा हो. यह बात भी इस ओर इशारा करती है कि वह शख्स विकास दुबे ही हो सकता है क्योंकि उसकी मां ने यह खुलासा किया था कि विकास के पैर में रॉड डाली हुई है और वह थोड़ा लंगड़ा कर चलता है.
लगभग 2 से ढाई घण्टे बाद पहुंची पुलिस
रोमी ने यह भी दावा किया है कि उस व्यक्ति के जाने के लगभग 2 से ढाई घण्टे बाद यानी 4 बजे के आसपास पुलिस की टीमें गेस्ट हाउस पर पहुंची और तुरंत ही सभी कमरों की तलाशी लेनी शुरू कर दी. उस समय 4 से 5 कमरों में फैमिली या कपल रुके हुए थे. सभी को कमरों से बाहर निकाल दिया गया था. गेस्ट हाउस में 20 कमरे हैं, सभी की तलाशी ली गयी लेकिन कोई नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस वहां से सीसीटीवी का डीवीआर और रजिस्टर जब्त करके अपने साथ ले गयी है. पुलिस का कहना है कि जिस अंकुर के घर में विकास दुबे और प्रभात रुके थे वह प्रभात का दोस्त है. अंकुर के पिता का नाम श्रवण है, जो मूलरूप से कानपुर के ही रहने वाले हैं.
गेस्ट हाउस के बाहर से ऑटो में अकेला बैठता दिखा विकास
पुलिस को गेस्ट हाउस के नीचे स्थित एक मिठाई की दुकान पर लगे सीसीटीवी से फुटेज मिली है, जिसमें एक व्यक्ति हाथ मे बैग लिए दिख रहा है. वह हल्का लंगड़ा भी रहा है और हुलिया भी विकास जैसा ही है. वह एक ऑटो को हाथ देकर रोकता है और उसमें बैठ कर कहीं चला जाता है.
फरीदाबाद, गुरुग्राम में जगह जगह पिकेट लगा कर की गई चेकिंग
विकास दुबे के फरीदाबाद में होने की जानकारी के बाद से ही फरीदाबाद के साथ-साथ गुरुग्राम की पुलिस भी अलर्ट पर हैं. गुरुग्राम पुलिस के कमिश्नर ने एक वायरलेस मैसेज भी फ़्लैश किया, जिसमें उन्होंने बताया कि विकास दुबे फरीदाबाद में देखा गया है. जो वहां से भागने में सफल रहा है और यह संभव है कि वह गुरुग्राम में भी आ सकता है. इसलिए पुलिस को पूरी तरीके से अलर्ट रहते हुए तैनात रहना है और पिकेट लगाकर चेकिंग करनी है. इस मैसेज में यह भी कहा गया है कि विकास दुबे के पास अपना कोई वाहन नहीं है. वह या तो ऑटो या टैक्सी आदि के माध्यम से सफर कर सकता है.इसलिए सभी वाहनों को अच्छी तरह से चेक किया जाए.
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