Foreign Secretary Term Extended Till 2026: भारत सरकार ने सोमवार (11 नवंबर 2024) को विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कार्यकाल 14 जुलाई 2026 तक बढ़ा दिया. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने लिया. सरकार के एक आदेश के मुताबिक, उनका कार्यकाल 30 नवंबर को रिटायर होने के बाद बढ़ाया गया है.


सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया, "कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने विक्रम मिसरी के विदेश सचिव के रूप में कार्यकाल को उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 30 नवंबर के बाद 14 जुलाई 2026 तक बढ़ाने की स्वीकृति दी है या जब तक कोई अन्य आदेश न हो, इस प्रावधान के तहत, जो FR 56 (d) के तहत है." इस प्रावधान के तहत विदेश सचिव का कार्यकाल सार्वजनिक हित में बढ़ाया जा सकता है.


विक्रम मिसरी का करियर और उपलब्धियां


विक्रम मिसरी भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1989 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने 15 जुलाई को विदेश सचिव का पद संभाला था. मिसरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर जेविएलआरआई, जमशेदपुर से एमबीए की डिग्री हासिल की. वे तीन प्रधानमंत्रियों  (नरेंद्र मोदी, डॉ. मनमोहन सिंह और इंदर कुमार गुजराल ) के निजी सचिव रह चुके हैं.


चीन मामलों में विशेषज्ञता


विक्रम मिसरी ने अपनी आखिरी राजदूताई बीजिंग में की थी और वे भारतीय विदेश मंत्रालय में चीन मामलों के प्रमुख अधिकारियों में माने जाते हैं. विदेश सचिव बनने से पहले, मिसरी ने जनवरी 2022 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया था, जहां वे NSA अजीत डोवाल को रिपोर्ट करते थे.


वह 2020 में लद्दाख और गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष के बाद चीन सरकार के साथ संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं. इसके अलावा, वे भारत के स्पेन (2014-2016) और म्यांमार (2016-2018) में राजदूत रह चुके हैं. भारत सरकार ने विक्रम मिसरी का कार्यकाल विदेश सचिव के रूप में 2026 तक बढ़ा दिया है, जो उनके अनुभव और चीन के साथ संबंधों को संभालने की उनकी कुशलता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.


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