Jammu and Kashmir Cleanliness Campaign: जम्मू और कश्मीर के सादिवारा के सरपंच फारूक अहमद गनई ने गांव को साफ रखने के लिए गजब की मुहिम चलाई है. घरेलू प्लास्टिक के कचरे को खेतों और तालाबों में फेके जाने से बचाने के लिए उन्होंने लोगों को सोने के सिक्के देने शुरू कर दिए हैं. बीते एक साल से लगातार वो 'पॉलीथिन दो, सोने का सिक्का लो' की मुहिम चला रहे हैं.
इस कारण से शुरू किया अभियान
फारूक अहमद गनई का कहना है कि अगर हम साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले 10 सालों में उपजाऊ जमीन और पानी का कोई स्वच्छ स्रोत नहीं बचेगा. गनई आगे कहते हैं कि जहां सरकार और प्रशासन की तरफ से साफ-सफाई पर काफी फोकस है, वहीं नागरिकों को भी अपना योगदान देना होगा.
गनई पेशे से वकील हैं और उन्होंने पिछले साल ग्रामीणों को अपने घरों में कचरे के गड्ढे बनाने के लिए राजी करके यह सुनिश्चित करना शुरू किया कि ठोस कचरा बाहर न निकले. हालांकि, पॉलीथिन हमेशा से चिंता का विषय बना रहा क्योंकि यह कूड़े के गड्ढों में भी नहीं सड़ता है. ऐसे में उन्होंने 'पॉलीथिन लाओ, सोना लो' मुहीम की शुरुआत की.
गनई अब 20 क्विंटल पॉलीथिन लाने वाले लोगों को एक सोने का सिक्का देते हैं. वहीं, 20 क्विंटल से कम पॉलीथिन लाने वालों को एक चांदी का सिक्का दिया जाता है.
जल्द ही सभी पंचायतों में लागू की जाएगी ये मुहिम
बता दें कि अनंतनाग के सहायक आयुक्त विकास (एसीडी) रियाज अहमद शाह ने इस मुहिम की सराहना की है. उनका कहा है कि इस मॉडल को प्रोत्साहन देकर जिले की सभी पंचायतों में लागू किया जाएगा ताकि हमारे गांव कचरा मुक्त और पॉलीथिन मुक्त हो सकें. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इस विचार की परिकल्पना सादिवारा पंचायत द्वारा की गई थी लेकिन जिला प्रशासन ने भी इसको समर्थन दिया था. प्रशासन भी जिले में ठोस कचरा प्रबंधन पर काम कर रहा है.
शाह कहते हैं कि हमने डोर- टू- डोर कचरा संग्रहण शुरू किया है. साथ ही सामुदायिक कूड़ेदान और घरेलू कूड़ेदान भी उपलब्ध कराए हैं. नालियों, कम्पोस्ट गड्ढों और सोख्ता गड्ढों का निर्माण भी किया जा रहा है. जिले में अब तक 60,000 से अधिक कंपोस्ट पिट का निर्माण किया जा चुका है.
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