नई दिल्ली: अयोध्या के राजा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र को राम मंदिर ट्रस्ट का मेंबर बनाया गया है. अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा ने उन्हें इसकी जानकारी दी. कमिश्नर एम पी अग्रवाल ने राम जन्म भूमि के रिसीवर की ज़िम्मेदारी मिश्र को दे दी. पीएम नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाने का ऐलान कर चुके हैं. इस बात की घोषणा उन्होंने आज कैबिनेट की बैठक के बाद लोकसभा में की.
अयोध्या के राजा विमलेन्द्र मोहन अपने इलाक़े के चर्चित चेहरे हैं. साहित्य से लेकर सियासत तक उनकी दिल रही है. वे आज भी अयोध्या के राज महल में रहते हैं. जिसके एक हिस्से को वे होटल बना रहे हैं. विमलेन्द्र मोहन मिश्र को जब ट्रस्ट की मेंबर बनाने की जानकारी मिली, वे अपने घर पर ही थे. नई ज़िम्मेदारी मिलने पर वे बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि ये उनके लिए किसी सपने से कम नहीं है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के पुण्य का भागी बन पाने से बड़ा जीवन में क्या है ? उन्होंने कहा हर देशवासी ये चाहता है अयोध्या में जल्द से जल्द मंदिर बने, लोग अपने रामलला की पूजा अर्चना कर सकें. वो भी भव्य मंदिर में.
विमलेन्द्र मोहन मिश्र अयोध्या राज परिवार से हैं. राम मंदिर आंदोलन से कभी वे सीधे तौर पर नहीं जुड़े रहे. लेकिन अयोध्या के साधु समाज में उनका बड़ा सम्मान है. सब उनका आदर करते हैं. अयोध्या के धार्मिक कार्यक्रमों में हमेशा शामिल होते रहे हैं. रियासत ख़त्म हुई तो विमलेन्द्र ने सियासत में भी क़िस्मत आज़माई. लेकिन तक़दीर ने उनका साथ नहीं दिया. ये बात उन दिनों की है जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं. 2009 में वे लोकसभा का भी चुनाव लड़े. बीएसपी के टिकट पर वे फ़ैज़ाबाद से लड़े लेकिन हार गए. इसके बाद तो उन्होंने राजनीति से तौबा कर ली है. उनके बेटे यतीन्द्र मिश्र साहित्य जगत के एक जाने माने नाम हैं.