(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रेलवे से इस्तीफा मंजूर कराए बिना ही कांग्रेस में शामिल हो गए विनेश-पूनिया! रिपोर्ट में दावा
Vinesh Phogat Bajrang Punia: बजरंग पूनिया भारतीय रेलवे में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद से और विनेश फोगाट उत्तर रेलवे में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) खेल के पद से इस्तीफा दिया.
Bajrang Punia Vinesh Phogat Resignation: रेसलर विनेश फोगट और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार (6 सितंबर 2024) को कांग्रेस में शामिल होने से कुछ घंटे पहले नॉर्थ रेलवे में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ने अभी तक उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक जब तक उनकी इस्तीफा स्वीकार नहीं कर लिया जाता तब तक विनेश और पूनिया न ही किसी पार्टी में शामिल हो सकते हैं और न ही चुनाव लड़ सकते हैं.
विनेश ने रेलवे के पद से दिया था इस्तीफा
कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल होने से पहले विनेश फोगाट ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उत्तर रेलवे में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) खेल के पद से इस्तीफा दे दिया. विनेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "भारतीय रेलवे की सेवा मेरे जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है. जीवन के इस मोड़ पर मैंने स्वयं को रेलवे सेवा से पृथक करने का निर्णय लेते हुए अपना त्यागपत्र भारतीय रेलवे के सक्षम अधिकारियों को सौप दिया है. राष्ट्र की सेवा में रेलवे द्वारा मुझे दिये गये इस अवसर के लिए मैं भारतीय रेलवे परिवार की सदैव आभारी रहूंगी."
रेलवे ने पहलवानों का इस्तीफा नहीं किया स्वीकार
बजरंग पूनिया ने भी कांग्रेस में शामिल होने से पहले रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया, वे भारतीय रेलवे में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद पर थे. रिपोर्ट के मुताबिक विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने रेलवे से अपना इस्तीफा मंजूर कराए बिना ही कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली. सेवा नियमों के अनुसार इस्तीफा मंजूर कराए बिना किसी पार्टी में न तो शामिल हो सकते हैं और नहीं चुनाव लड़ सकते हैं.
विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को कांग्रेस में शामिल कराते समय कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया था कि रेलवे अधिकारियों ने विनेश फोगाट को कारण बताओ नोटिस भेजा है. रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ने उनके दावों को खारिज करते हुए कहा कि पहलवान को शुक्रवार (6 सितंबर 2024) को नहीं, बल्कि बुधवार (4 सितंबर 2024) को ही नोटिस जारी किया गया था, जिसमें पहलवानों के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की बात कही गई थी, जिसकी सेवा नियमों के अनुसार अनुमति नहीं है.
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