Vinesh Phogat Disqualification: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई हो चुकी हैं. ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने से पहले विनेश फाइनल में पहुंच चुकी थीं और उनका सिल्वर मेडल पक्का हो गया था. हालांकि, विनेश के डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ 'कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट' (सीएएस) में अपील की गई है. विनेश फोगाट ने मांग की है कि उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडलिस्ट घोषित किया जाए. इस मामले में शुक्रवार (9 अगस्त) को सुनवाई होने वाली है. 


भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तरफ से भारत के टॉप वकील हरीश साल्वे पहलवान विनेश फोगाट की ओलंपिक से डिस्क्वालिफिकेशन के संबंध में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में पेश होंगे. भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रहे हरीश साल्वे विनेश की तरफ से दलीलें रखने वाले हैं. सीएएस ने माइकल लेनार्ड के नेतृत्व में पेरिस में एक विशेष अदालत स्थापित की है. भारतीय समय के मुताबिक, दोपहर 12.30 बजे सुनवाई होने वाली है. इस पर पूरे देश की नजरें होंगी. 


हरीश साल्वे कुलभूषण जाधव की टलवाई थी फांसी


इस वक्त पूरे देश को हरीश साल्वे से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं. वह भारत के सबसे वरिष्ठ वकीलों में से एक हैं. उन्होंने कई बड़े मामलों की पैरवी की है. हरीश साल्वे से उम्मीद होने की एक वजह ये है कि उन्होंने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी टलवा दी थी. वैसे तो वह लाखों रुपये की फीस लेते हैं, लेकिन कुलभूषण के केस में उन्होंने सिर्फ एक रुपये फीस ली थी. इस केस में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. साल्वे के इस कदम के लिए उनकी काफी तारीफ भी हुई थी. 


दरअसल, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को भारतीय एजेंट करार देते हुए गिरफ्तार किया था. पड़ोसी मुल्की की एक अदालत ने जाधव को फांसी की सजा भी सुना दी. भारत को काउंसलर एक्सेस देने से भी इनकार किया था. इसके बाद मई, 2017 में भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंच गया, जहां हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव की तरफ से पेश होते हुए ऐसी दलीलें रखीं कि अदालत ने भारतीय नागरिक की फांसी पर रोक लगा दी. 


क्या है विनेश फोगाट का केस? 


महिला पहलवान विनेश फोगाट को 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से डिस्क्वालिफाई किया गया है. वह 50 किलोग्राम वर्ग की स्पर्धा में हिस्सा ले रही थीं. उन्होंने कुश्ती में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन फाइनल मुकाबले से एक दिन पहले जब उनका वजन लिया गया तो उसमें वह 100 ग्राम ज्यादा निकला. इसके बाद ओलंपिक से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया. इस बात से विनेश को इतना ज्यादा आघात पहुंचा कि उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया. 


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