नई दिल्ली: 18 जून को डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में डॉक्टर प्रदर्शन करेंगे. इस विरोध प्रदर्शन को 'नेशनल प्रोटेस्ट डे' का नाम दिया है. इस दिन डॉक्टर काले कपड़े, बैज, बैंड पहन कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान किसी भी मरीज को कोई तकलीफ नहीं हो ये सुनिश्चित किया जाएगा.
देश भर में ये विरोध प्रदर्शन होगा. आईएमए का दावा है की विरोध प्रदर्शन में 8 से 9 लाख डॉक्टर शामिल होंगे. जिसमें साढ़ें तीन लाख आईएमए के और बाकी अलग-अलग मेडिकल एसोसिएशन के होंगे. इस मुद्दे पर एबीपी न्यूज़ से खास बात की आईएमए के सेक्रेटरी जनरल डॉ जयेश लेले ने.
क्यों है ये प्रोटेस्ट, क्या चाहते है आप?
सरकार से जो हमारी मांग है वो लंबे समय से पूरी नहीं हुई है. हमें सेंट्रल एक्ट की आवश्कयता है. मेडिकल प्रोफेशनल प्रोटेक्शन एक्ट जो काफी राज्यों में है लेकिन उतना पावरफुल नहीं है. सेंट्रल एक्ट में IPC और CrPC होता है. जैसे ही वह एक्ट बनेगा और उसका इम्प्लेंटशन अच्छे से होगा, IPC में आने से एक्ट के हिसाब से कार्यवाही होगी. सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
क्या आपके विरोध से मरीजों को तकलीफ होगी?
हम किसी मरीज को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे. हम काले कपड़े, बैज, शर्ट पहना कर विरोध करेंगे और सरकार को इसके वीडियो भेजेंगे. साथ ही हमने पीएम को चिट्ठी लिखी है, स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री को चिट्ठी लिखी है. सभी विधायक और सांसदों को हमारे लोकल डॉक्टर मिलेंगे और गुज़ारिश करेंगे कि इस पर विचार करें.
कितने डॉक्टर शामिल होंगे इसमें?
साढ़ें तीन लाख IMA के डॉक्टर हैं. साथ ही कई मेडिकल एसोसिएशन इसमें शामिल होंगे तो लगभग 8 से 9 लाख डॉक्टर कल काली पटी और कपड़े पहन कर विरोध करेंगे.
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