Manipur Violence: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार (28 अप्रैल) को एक बार फिर प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई. जिसको लेकर पुलिस ने अगले 5 दिनों के लिए जिले में इंटरनेट सेवाओं को बैन कर दिया है.


बीते कई दिनों से यहां पर पुलिस और इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के बीच विवाद चल रहा है जिसको लेकर जिले में कुछ जगहों पर हिंसा की खबर है. इससे पहले दिन में, चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका क्षेत्र में सद्भावना मंडप में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की घटनाएं हुईं. ये घटनाएं जहां हुईं, वहां मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को एक जनसभा को संबोधित करना था लेकिन बाद में उन्होंने अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया. 


पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच हो रही है झड़प
कानून और व्यवस्था को संभाल रहे प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया, बंद प्रभावित क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए तैनात सुरक्षा बलों पर पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. उन्होंने बताया, पथराव के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ है. स्थिति पर नजर रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी. 


मुख्यमंत्री को जिले में कृषि विभाग के एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, स्थानीय विधायक ने मुझे एक समारोह में और ओपन जिम के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था. सिंह ने कहा, चुराचांदपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एल. एम. खौटे ने मुझसे अभी नहीं आने का अनुरोध किया है और कहा है कि ओपन जिम की जल्द ही मरम्मत करा दी जाएगी.


सिंह ने इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) संगठन पर भी सवाल उठाया, जिसने आठ घंटे के बंद का आह्वान किया है. उन्होंने कहा, मूल निवासी लोग कौन हैं हम मूल निवासी लोग हैं. नगा मूल निवासी लोग हैं. कुकी मूल निवासी लोग हैं. चुराचांदपुर के जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक से मिली रिपोर्ट के आधार पर आदिवासी बहुल जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका है और लोगों के जीवन तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर खतरा है.


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