West Bengal Panchayat Election Violence: पश्चिम बंगाल में गुरुवार (15 जून) को पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान कई जगह हिंसा हुई है. उत्तर दिनाजपुर जिले में तीन व्यक्तियों को कथित तौर पर गोली मार दी गई, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने दूसरे दलों पर पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान हिंसा करने का आरोप लगाया है. नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन आज यानी गुरुवार (15 जून) को था.


बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होगा. नामांकन के आखिरी दिन दक्षिण 24 परगना जिले में हंगामा हुआ है. इसके अलावा बीरभूम जिले के अहमदपुर में सैंथिया बीडीओ कार्यालय में हिंसा भड़क गई. हालांकि, यहां से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. उत्तर दिनाजपुर जिले में तीन व्यक्तियों को गोली मारने की घटना पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि तीनों व्यक्ति वाम मोर्चा और कांग्रेस के समर्थक हैं.


माकपा ने टीएमसी पर लगाए हिंसा के आरोप


उन्होंने कहा कि तीनों को उस वक्त गोली मारी गई जब वे अपना नामांकन दाखिल करने के लिए चोपड़ा ब्लॉक कार्यालय जा रहे थे. एक अधिकारी ने कहा कि घटना के बाद तीनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि दो घायलों की स्थिति गंभीर है. माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि इस हमले के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ है. वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को खारिज किया है. 


ममता बनर्जी ने क्या कहा?


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि माकपा, आईएसएफ पंचायत चुनाव में नामांकन को लेकर हुए हिंसा में शामिल है. कुछ विपक्षी दल पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस्लामपुर और अन्य जगह जो समस्या हुई उसमें हमारी पार्टी की कोई भागीदारी नहीं है.


टीएमसी चीफ ने कहा कि जिन लोगों ने किया है उन्हें हमने टिकट नहीं दिया, उन्होंने हमसे टिकट मांगा, लेकिन उनका रिकॉर्ड देखते हुए हमने उन्हें टिकट नहीं दिया. हमने साख देखकर टिकट दिया है, मैंने पुलिस को भी उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा है. 


"चुनाव होना नामुमकिन है"


हिंसा की घटनाओं पर पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भयंकर स्थिति है, इस स्थिति में चुनाव होना नामुमकिन है. सेंट्रल फोर्स की जरूरत है. राज्य चुनाव आयोग कोर्ट के फैसले को नजरअंदाज कर रही है. चुनाव आयोग को पता ही नहीं है कि राज्य में कौन सी संवेदनशील जगह हैं, जबकि असल में बमबारी हो रही है. 

 

शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर आदेश सुरक्षित 

 

इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल के विपक्ष के नेता और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर लगाई गई याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा है. बीजेपी नेता ने चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया में हिंसा और सात संवेदनशील जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती पर अदालत के पिछले आदेश का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी.  

 

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