Violence On Temple Or Religious Events: हम सब लोग मंदिर या धार्मिक आयोजनों में अपने करीबियों के साथ प्रार्थना करने जाते हैं, लेकिन जब इन आयोजनों में ही किसी की मौत हो जाए तब हमारे पास हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं रह जाता है. इन आयोजनों में ज्यादातर मामले कभी भगदड़ तो कभी हिंसा फैलाने के इरादे से होते हैं. 


ऐसे ही देश भर में कल 30 मार्च को जब रामनवमी के अवसर पर देखने को मिला. देश के कई राज्यों में हिंसा देखने को मिली. 30 मार्च को गुजरात के वडोदरा में फतेहपुरा इलाके में राम नवमी के जुलूस पर पथराव किया गया. इसके अलावा बंगाल के हावड़ा में भी राम नवमी के जुलूस पर पथराव किया गया और वाहनों में अगजनी भी की गई. 


पिछले कुछ सालों में हुई घटनाएं 


हाल के कुछ सालों में भारत में इस तरह के वाकये बढ़ गए हैं. जानकारी के मुताबिक भारत में 70 फीसदी से अधिक भीड़ संबंधी आपदाएं धार्मिक समारोहों के दौरान हुई हैं. ADSI (एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सूइसाइड्स इन इंडिया) रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में स्ट्रक्चरल कोलैप्स के कारण 1,630 से अधिक लोगों की मौत हुई और पिछले 10 वर्षों में इसकी वजह से  20,313 लोगों की मौत हुई है. आइए जानते हैं पिछले कुछ सालों में हुई घटनाओं के बारे में - 



  • अक्टूबर 2022 में, गुजरात के मोरबी जिले में मच्छू (Machhu) नदी में एक सस्पेंशन ब्रिज गिरने से 133 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए थे.

  • अगस्त 2022 में, उत्तर प्रदेश के मथुरा मंदिर में जन्माष्टमी समारोह के दौरान भीड़भाड़ के कारण दम घुटने से दो लोगों की मौत हो गई थी.

  • जनवरी 2022 में, जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए थे.

  • अप्रैल 2016 में केरल के कोल्लम में एक मंदिर परिसर में हुए भीषण विस्फोट में 110 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 280 लोग घायल हो गए थे.

  • अक्टूबर 2013 में, मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे.


यह भी पढ़ें- अमृतपाल सरेंडर करता है तो नहीं होगा टॉर्चर, सीएम भगवंत मान बोले- पुलिस कानून के मुताबिक...