राम नवमी पर रविवार को भड़की हिंसा और आगजनी मामले पर गुजरात पुलिस ने बुधवार को बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि हिंसा की पहले से प्लानिंग की गई थी. खंभात में हुई हिंसा में स्लीपर मॉड्यूल के तहत साजिश रची गई. एसपी अजित राजियाणने ने बताया कि हिंसा में 11 शामिल हैं. आरोपी विदेश में बैठे लोगों के साथ संपर्क में थे. आरोपियों ने 3 दिन बैठक करके साजिश रची थी. रजाक नाम के मौलवी ने इस हिंसा की साजिश रची थी. 11 अपराधियों से पूछताछ की जा रही है.


राम नवमी के दिन देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई थी. इस घटना का मुख्य सूत्रधार रजाक हुसैन उर्फ मौलवी आयूब ने कई लोगों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी. इसमें 3 मौलवी और दो लोग शामिल थे. पुलिस के मुताबिक मुस्तकीम मौलवी, मतीन, मोहसिन इस साजिश के बड़े किरदार हैं. रजाक अयूब, हुसैन हाशमशा दीवान भी साजिश का हिस्सा रहे. इन पर पथराव और आगजनी के लिए लोगों को उकसाने का आरोप हैं. 


इन लोगों का मकसद रामनवमी शोभायात्रा के वक्त पथराव करके दंगा भड़काना था. गौरतलब है खंभात दंगे में 1 शख्स की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे.


आणंद जिले के संवेदनशील तालुका खंभात में रविवार (10 अप्रैल) दोपहर को रामनवमी के अवसर पर एक जुलूस पर पथराव किया गया था. पूरे शहर में तनाव चल रहा था क्योंकि दो गुटों ने एक-दूसरे पर पथराव किया और कुछ दंगाइयों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में दो दुकानों और एक घर में आग लगा दी. 


घटना के बाद, जिला एसपी सहित एक काफिला मौके पर पहुंचा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के पांच गोले दागे. इस पूरी घटना में पुलिस के काफिले समेत 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जबकि एक की मौत हो गई. हिंसा के पाकिस्तान-अफगानिस्तान कनेक्शन की भी जांच की जा रही है.


रविवार शाम 4 बजे राम नवमी के मौके पर खंभात शहर के शकरपुर क्षेत्र स्थित रामजी मंदिर से जुलूस की शुरुआत में जुलूस में तीन हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए. जुलूस तब तीन द्वारों चितरी बाजार, पीठ बाजार, मंडई चौकी क्षेत्र से होकर गुजरना था. हालांकि, शकरपुर क्षेत्र से निकलने के बाद जुलूस कुछ ही दूरी पर पहुंच गया, उसी समय कुछ दंगाइयों ने अचानक जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद जुलूस में शामिल हुए लोग दहशत में आ गए.


दोनों ने एक दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया. एक तरफ कुछ दंगाई भीड़ शहर के छगडोल मैदान और सरदार टावर पर आ गए और तोड़फोड़ व आगजनी शुरू कर दी. इलाके में दो चप्पल लॉरी और दो दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. राजपूतों ने वाडा के पास एक घर में भी आग लगा दी. खंभात में हुई हिंसा के बाद तीन मौलवियों, मुस्तकिम मौलवी और मतीन-मोहसिन को गिरफ्तार किया गया था. ये तीन भाई हैं.


 100 से अधिक लोगों की भीड़ के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद इन लोगों से पूछताछ की गई. मिली जानकारी के अनुसार रामनवमी के एक दिन पहले शनिवार को इन लोगों ने पूरी साजिश रची थी. इस साजिश के लिए खंभात के बाहर से पुरुषों को बुलाया गया था. क्योंकि, अगर खंभात के ही लोग हैं, तो उन्हें पहचाना जा सकता है. इसके लिए खंभात के बाहर से लोगों को बुलाया गया था. 


हालांकि एक-एक कर इन लोगों की पहचान की जा रही है. इन लोगों पर दुश्मनी भड़काने, हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है. पुलिस की जांच में पता चला है कि साजिश में कौन शामिल था और उन्हें कौन से काम सौंपे गए थे.


इस मामले में साजिश को अंजाम देने के लिए पत्थरों को पहले ही इकट्ठा कर लिया गया था. खंभात में पहले पत्थर फेंका गया और फिर आग लगाई गई. मौलवियों से भी पूछताछ की जा रही है कि इस मामले में इन लोगों की पैसों से मदद कौन कर रहा था. यह जानना भी जरूरी है कि इस तरह की साजिश को अंजाम देने के लिए पैसा कहां, कैसे और किसकी ओर से दिया गया.


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