रमज़ान में सेना की ढिलाई से आतंकियों के बेखौफ होने का वायरल सच
दावा किया जा रहा है कि सेना ने कश्मीर घाटी में रमजान के लिए ढील दी तो आतंकी बेखौफ होकर खुलेआम घूम रहे हैं. उनका स्वागत किया जा रहा है.
नई दिल्लीः रमजान का महीना चल रहा है और कश्मीर में रमजान के वक्त सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन बंद कर रखा है यानी किसी हरकत पर सेना जवाब तो देगी लेकिन अपनी तरफ से ऑपरेशन नहीं चलाएगी. इस हालात में सोशल मीडिया पर दो वीडियो पहुंचे हैं. दावा किया जा रहा है कि सेना ने कश्मीर घाटी में रमजान के लिए ढील दी तो आतंकी बेखौफ होकर खुलेआम घूम रहे हैं. उनका स्वागत किया जा रहा है.
कश्मीर घाटी की दो तस्वीरों में एक तरफ वायरल वीडियो है जहां कश्मीर की गलियों में आतंकियों का हीरो की तरह स्वागत किया जा रहा है. और दूसरी तरफ है वो तस्वीर जिसमें सेना की गाड़ियों पर बम की तरह पत्थर बरसाए जा रहे हैं. 39 सेकेंड के एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि रमजान के महीने में सेना ने ऑपरेशन रोकने का फैसला किया तो आतंकी बिना किसी डर के खुलेआम सड़क पर निकल पड़े.
ये अकेला वीडियो नहीं है, एक मिनट 54 सेकेंड के एक वीडियो में भी हथियारबंद दहशतगर्द फायरिंग कर रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि कश्मीर की इन गुप्त गलियों से लोग आतंकियों को भगाने में जुटे हैं.
सोशल मीडिया पर आतंकियों के बेखौफ होने की कहानी को एक जून की ऐसी तस्वीरों की वजह से वजन मिल रहा है जिसमें जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के नौहट्टा इलाके की तस्वीरें हैं. जैसे ही सीआरपीएफ की जिप्सी इस इलाके में दाखिल होती है उस पर घात लगाए बैठी भीड़ पत्थर बरसाना शुरू कर देती है.
पहले वीडियो का सच दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में रमजान के दौरान सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकने का जो फैसला किया है उस फैसले के नतीजे के तौर पर ये तस्वीरें सामने आ रही हैं. कश्मीर में आतंकियों के स्वागत की इन तस्वीरों का रमजान में मिली छूट से कोई लेना-देना है या नहीं इसके लिए जब इस वीडियो की पड़ताल हुई तो पता चला वायरल हो रहा ये वीडियो पुलवामा के मलंगपोरा का है. सुरक्षाबलों ने कार्डों एंड सर्च ऑपरेशन चलाया था. सुरक्षा बलों के सर्च ऑपरेशन में करीब 3-5 आतंकी फंस गए थे. लेकिन लोगों ने फंसे हुए आंतकियों को सुरक्षित निकलने में मदद की थी. लेकिन इस वीडियो का रिश्ता रमजान के महीने से नहीं है.
ये वीडियो इसी साल अप्रैल महीने का है. ख़ुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि लश्कर और हिज्बुल से जुड़े आतंकी छिपे हुए हैं. इसके बाद ऑपरेशन शुरू हुआ. लेकिन ऑपरेशन शुरू होते ही लोग सड़को पर निकल आये और सुरक्षा बलों पर ना सिर्फ पत्थर बरसाए बल्कि इन आतंकियों को भाग जाने में भी मदद की.
दूसरे वीडियो की हकीकत दूसरा वीडियो शोपियां का है जो 23 मई को सोशल मीडिया पर पहुंचा था. इस वीडियो में हिज्बुल का आतंकी तारिक शमीम और उसके साथी दिखाई दे रहे हैं. ये सब दूसरे आतंकियों के जनाने में शामिल होने के लिए पहुंचे थे जिसे भीड़ जंगल तक छोड़ती हुई दिखाई दे रही है. इस वीडियो में भी हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर तारिक शमीम मौजूद है.
ये वीडियो शोपियां का है जहां आतंकी बडगाम के एनकाउंटर में मारे गए हिजबुल के कमांडर सद्दाम पद्दार के जनाजे में शामिल हुए थे. इसलिए हमारी पड़ताल में ये वीडियो तो सच हैं. लेकिन रमजान में ढिलाई से आतंकियों के बेखौफ होने का दावा गलत साबित हुआ है.