वायरल सचः कांग्रेस के करप्शन से जोड़कर फैल रहे इस वायरल मैसेज की क्या है सच्चाई?
नई दिल्लीः कहीं आपके पास भी ऐसा कोई नोट या उसकी तस्वीर तो नहीं पहुंची है जिसमें एक ही सीरियल नंबर लिखा हुआ है. ये सवाल इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर एक नंबर के दो-दो नोट वाली तस्वीर सुर्खियों में है और बड़ी बात ये है कि इसे कांग्रेस का करप्शन बताया जा रहा है. इस वायरल मैसेज की एबीपी न्यूज ने पड़ताल की और सच जानने की कोशिश की.
ये तस्वीरें चौंकाने वाली इसलिए हैं क्योंकि रिजर्व बैंक जो नोट छापता है उस हर नोट पर अलग नंबर होता है. ठीक जैसे दो इंसानों का डीएनए एक नहीं हो सकता वैसे ही दो नोटों का नंबर भी एक नहीं हो सकता है. यानि हर नोट का नंबर अलग होता है.एक नंबर के दो नोट यानि बड़ा गड़बड़झाला हो सकता है.
यही वजह है कि पिछले दो-तीन दिन से ये तस्वीरें सोशल मीडिया की खबरों वाली लिस्ट में सबसे ऊपर दिखाई दे रही हैं. एक ही नंबर के दो-दो नोट वाली इन तस्वीरों को कांग्रेस के करप्शन के साथ जोड़ा जा रहा है. फेसबुक कांग्रेस पर आरोप लगाने वाली खबरों से भरा पड़ा है.
एक नंबर के दो नोट वाली तस्वीरों को शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं, ''कांग्रेस ने बीते सालों में क्या-क्या किया इसका एक उदाहऱण इस तस्वीर में देखने को मिल सकता है. देखने में आपका समय लगेगा इसलिए बता भी देते हैं कि तीनों नोट एक ही नंबर के हैं और तीनों असली हैं.'' एक और सज्जन ने लिखा है ''रिजर्व बैंक के गवर्नर के असली हस्ताक्षर से एक ही नंबर की डबल करेंसी कांग्रेस ने छपवाई है. ये है वो बड़ा घोटाला जिसके खुलने के बाद कांग्रेस बौखला कर संसद ठप कर रही है.'' आरोप गंभीर है और इन गंभीर आरोपों को हवा दे रहे हैं वो नोट जो सबूत के तौर पर सोशल मीडिया में पेश किए जा रहे हैं.
इन तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए हमने वायरल तस्वीर की पड़ताल की.
इस वायरल तस्वीर में एक हजार रुपए के नोट को अगर ध्यान से देखेंगे तो इसमें सीरीज नंबर लिखा है 3AR 527083 . हजार के नोट में नीचे की तरफ जो नंबर लिखा है. उसकी आखिरी डिजिट 83 वो हिस्सा धुंधला है ऐसा लगता है कि वहां 33 भी लिखा हो सकता था. इसके ऊपर लिखे नंबर नीचे लिखे नंबर से ज्यादा बोल्ड हैं. कुछ डिजिट खासकर बोल्ड नजर आ रही है.
तस्वीरों को देख कर ऐसा लगता है कि नोट के साथ कोई छेड़छाड़ हुई है.
इस वायरल तस्वीर में 20 रुपए के नोट भी है. इसका सीरीज नंबर लिखा है 19M 842833 . दोनों नोटों पर एक ही सीरीज नंबर है. लेकिन नीचे वाले नोट में सीरीज नंबर लाल स्याही से लिखा है जबकि ऊपर वाले नोट में 8 और 4 ब्लैक एंड व्हाइट दिख रहा है नीचे वाले नंबरों को भी अगर आप गौर से देखेंगे तो बाकी नंबर एक जैसे हैं लेकिन 8 और 4 अलग तरीके से लिखा दिखाई दे रहा है.
अब सवाल ये उठता है कि अगर ऐसा हुआ है तो कैसे हुआ? ग्राफिक्स की भाषा में इस तकनीक को फोटोशॉप कहते हैं जिससे इस तरह का बदलाव हो सकता है.
हमने रिजर्व बैंक के आधिकारिक सूत्रों से संपर्क किया और उन्हें ये तस्वीर दिखाकर सच जानने की कोशिश की. इसमें कई अहम बातें सामने आईं. पहली अहम बात आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुमकिन है कि अगर कोई डिजाइन 10 साल तक चलन में रहे तो एक ही नंबर के एक से ज्यादा नोट छप सकते हैं. लेकिन सभी नोटों पर एक ही गवर्नर के दस्तख्त हो, ये मुमकिन नहीं. क्योंकि गवर्नर का कार्यकाल 5 साल के लिए ही होता है.
दूसरी अहम बात एक ही नंबर के एक से ज्यादा नोट छपने की घटना करोड़ों में एक या दो हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो घबराने की जरुरत नहीं, दोनों ही नोट लेकर रिजर्व बैंक के देश भर में स्थित 27 दफ्तरों में कहीं भी जाकर लोग बदलवा सकते हैं.
तीसरी अहम बात वायरल तस्वीर में 1000 रुपये के तीन नोट एक नंबर के दिखाए गए हैं, लेकिन उनमें से एक ही में गवर्नर के हस्ताक्षर दिख रहे हैं. हो सकता है कि बाकी दोनों में अलग-अलग गवर्नर के हस्ताक्षर हो.
चौथी अहम बात तस्वीर में एक ही नंबर वाले 500 रुपए के नोट देखकर लगता है कि नंबर ऊपर से चिपकाए गए हैं. मतलब ये तस्वीर भेजने वाले की शरारत भी हो सकती है.
पड़ताल में सामने आया है कि एक ही नंबर के दो-दो नोट या तो शरारत हैं या फिर करोड़ों नोटों की छपाई के बीच रह गया एक नोट है.इन तस्वीरों का कांग्रेस से या किसी तरह के करप्शन कोई लेना-देना नहीं है. हमारी पड़ताल में 1 नंबर के 2-2 नोट वाले कांग्रेसी करप्शन का दावा झूठा साबित हुआ है.