Viral: ‘असल में जातिवादी कौन हैं?’ बेंगलुरु की सीईओ ने लिखा- ‘ब्राह्मण जीन’, सोशल मीडिया पर छिड़ गई आरक्षण पर बहस
Social Media Viral Post: देश में इन दिनों आरक्षण को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है. इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक 'ब्राह्मण' वाली पोस्ट जमकर वायरल हो रही है और सपोर्ट भी मिल रहा है.
Reservation Row: एक कंटेंट मार्केटिंग कंपनी की सीईओ ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर दो शब्दों की पोस्ट की थी, जिसने बड़े पैमाने पर एक बहस छेड़ दी है. अनुराधा तिवारी नाम की महिला ने "ब्राह्मण जीन" टाइटल के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर आरक्षण को लेकर तगड़ी बहस शुरू हो गई.
अपनी इस पोस्ट पर बढ़ती आलोचना और समर्थन के बीच, अनुराधा तिवारी ने शुक्रवार (23 अगस्त) को एक फॉलो-अप पोस्ट भी की. उन्होंने लिखा, “जैसा कि मुझे उम्मीद थी कि सिर्फ ब्राह्मण शब्द लिखने से ही लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं. ये दर्शाता है कि असल में जातिवादी लोग कौन हैं. ऊंची जाति वाले को सिस्टम से कुछ नहीं मिलता है- न रिसर्वेशन, न फ्री की रेवड़ियां. हम सबकुछ अपने दम पर कमाते हैं और वंश पर गर्व करने का पूरा अधिकार है. सो डील विद इट.”
अनुराधा तिवारी ने आलोचकों को दिया करारा जवाब
उनके ब्राह्मण वाले पोस्ट को लेकर कुछ लोगों ने उनकी आलोचना की तो कुछ ने समर्थन. अनुराधा तिवारी ने अपनी पोस्ट पर शनिवार को फिर से जवाब देते हुए आगे कहा, “प्राउड दलित, मुस्लिम और आदिवासी ठीक है लेकिन प्राउड ब्राह्मण होना ठीक नहीं. ब्राह्मणों को उनके अस्तित्व के लिए दोषी महसूस कराने के लिए एक पूरी व्यवस्था काम कर रही है. इस नैरेटिव को बदलने का समय आ गया है. बेबाक ब्राह्मण बनो. इसे अपनी आस्तीन पर रखो. तथाकथित सामाजिक न्याय योद्धाओं को जलने दो.”
As expected, a mere mention of word 'Brahmin' triggered many inferior beings. Tells a lot about who real casteists are.
— Anuradha Tiwari (@talk2anuradha) August 23, 2024
UCs get nothing from system - no Reservation, no freebies. We earn everything on our own and have every right to be proud of our lineage. So, deal with it. https://t.co/e1FhC13oVz
‘हमें अपनी जाति पर शर्मा क्यों आनी चाहिए?’
इसी पोस्ट पर जवाब देना जारी रखते हुए अनुराधा तिवारी ने रविवार को कहा, “आज ब्राह्मण अपना पूरा नाम बताने से डरते हैं. हमारे खिलाफ इतनी नफरत फैलाई गई है. सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने हमें खलनायक बना दिया है. हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते. हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिलती. हम कड़ी मेहनत करते हैं. हमें अपनी जाति पर शर्म क्यों आनी चाहिए?”
अनुराधा तिवारी की इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर जमकर समर्थन मिल रहा है. उनकी पहली पोस्ट से ही सोशल मीडिया यूजर्स लगातार कमेंट कर रहे हैं. 22 अगस्त को की गई पोस्ट को अब तक 5.2 मिलियन बार देखा जा चुका है.
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