नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन इसलिए है ताकि लोग घरों के अंदर रहें और कोरोना वायरस अटैक ना कर सके, लेकिन सोशल मीडिया तो घर के अंदर भी मौजूद है. वो सोशल मीडिया जिस पर मौजूद ज्यादातर जानकारियां या तो गलत या भ्रामक होती है. सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि इटली में सड़कों पर लाशें बिछीं हुई हैं और ये मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई हैं. जानें इस दावे का सच क्या है.


दहशत फैलाने के मकसद से पेश की गई तस्वीर


सोशल मीडिया पर ये तस्वीर दुनिया में दहशत फैलाने के मकसद से पेश की गई है. कोरोना वायरस को लेकर फैले डर को और बढ़ाने की मंशा के साथ वायरल की गई है. वायरल तस्वीर में सड़क पर चींटी की तरह बिछे हुए लोग दिखाई दे रहे हैं इस तस्वीर के साथ एक मैसेज भी वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, ‘’ये इटली की तस्वीर है. ये लाशें उठाने वाला कोई नहीं. आर्मी उठा उठा कर जला रही है. वक्त है भारतवासियों संभालों खुद को.’’



वायरल तस्वीर से सुनाई जा रही कहानी पर कुछ लोग यकीन भी कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से इटली की हालत बेहद खराब हैं. 6 करोड़ की आबादी वाले देश इटली में कोरोना वायरस के 80 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 8000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. जो चीन में कोरोना वायरस से हुई मौतों से दोगुनी हैं.


क्या वाकई इटली की सड़कों पर लाशें बिछी हुईं हैं?


तहकीकात के दौरान पता चला ये तस्वीर फरवरी महीने से सोशल मीडिया पर घूम रही है और इटली से पहले इसे चीन के नाम पर पेश किया गया था. मतलब कोरोना वायरस से मौत के मामले जिस देश में बढ़ रहे थे उस देश के साथ तस्वीर को जोड़ दिया जाता था.


क्या है तस्वीर की सच्चाई?


गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि वायरल तस्वीर का ना तो इटली से कोई लेना देना है और ना ही चीन से. ये तस्वीर कोरोना वायरस के दुनिया में दस्तक देने से कई साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. तस्वीर 2014 के आर्ट प्रोजेक्ट की है. जब जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में नाजी कंस्ट्रेशन कैंप को दर्शाने की कोशिश की गई थी.


हमारी पड़ताल में इटली में कोरोना वायरस से सड़क पर बिछी लाश का दावा झूठा साबित हुआ है.