नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों हरे धनिए की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं. वायरल हो रहे मैसेज और तस्वीर में दावा है कि हरी धनिया में जहरीली पत्तियां मिली हुई हैं, जिसे देखकर आप पहचान नहीं सकते और ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानीकारक हैं. जानें इस दावे का सच क्या है.


क्या धनिया आपको बेहद बीमार बना सकता है?

दावा है कि धनिया की हरी पत्तियों में ऐसी जहरीली पत्तियां मिली होती हैं जो आपको अस्थमा का मरीज बना सकती हैं. ये दावा एक मैसेज की शक्ल में वायरल हो रहा है और वायरल मैसेज के साथ सबूत के तौर पर दो तस्वीरें भी पेश की जा रही हैं. एक तस्वीर सब्जी को स्वादिष्ट बनाती धनिया की है और दूसरी धनिया में छिपी जहरीली पत्ती की है.

तस्वीरों के साथ वायरल हो रहे मैसेज में क्या लिखा है?

‘’पहली तस्वीर धनिया पत्ती है.  दूसरी तस्वीर में खतरनाक पार्थेनियम की पत्ती है. जब भी हम धनिया खरीदते हैं, तो धनिया पत्तियों के साथ कई बार पार्थेनियम की पत्तियां मिलेंगी. अपने परिवार के सदस्यों  को जागरूक करें ताकि वे इस पार्थेनियम पत्तियों को छांटकर अलग करें. यदि आप इस पार्थेनियम के पत्ते को बहुत ज्यादा खा लेते हैं, तो आपको त्वचा बीमारी, अस्थमा, गले में दर्द, गुर्दा की समस्याएं हो सकती हैं.’’


दावे का सच क्या है?

दिल्ली विश्वविद्यालय के बॉटनी यानि वनस्पति विज्ञान विभाग में बॉयोडायवर्सिटी यानि जैव विविधता एक्सपर्ट डॉक्टर ए के सिंह से ने साफ किया कि जिस तस्वीर को पार्थेनियम बताया जा रहा है वो दरअसल पार्सले की है. पार्सले ग्रिन सैलेड के लिए इस्तेमाल होता है. धनिया में मनमोहक खुशबू होती है इसलिए लोग पसंद करते हैं. किसान तो अपने फायदे के लिए कुछ भी मिलाकर बेच देंगे. उपभोक्ता की जिम्मेदारी है कि देखकर सामान खरीदे. धनिया है, पार्सले या फिर पारथिनियम की पत्तियां है.

डॉ. ए के सिंह ने साफ किया तस्वीर भले ही पार्सले की हो लेकिन वायरल मैसेज में जो बात कही गई है वो पार्थेनियम के गुणों से मिलता है. पार्थेनियम अगर खेत-बगीचों में काम करने वाले किसानों या मालियों के हाथ में लग जाए तो चक्कते और सूजन हो जाती है. ये घास इतनी खतरनाक है कि इसे देखते ही उखाड़कर फेंकने का आदेश हैं.



बॉयोडायवर्सिटी एक्सपर्ट डॉ. ए के सिंह ने बताया, ‘’पार्थेनियम की पत्तियां छूने से हाथ या शरीर में खुजली होने लगती है. फ्लावरिंग के वक्त ये अस्थमा की दिक्कत बढ़ा देती है. इसमें कुछ ऐसे केमिकल भी हैं जो दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं. साल 1956 में पुणे से पहली बार पता चला था. कहा जाता है कि अमेरिका से मंगवाए गए गेंहू के साथ इसके दाने आए थे. इसको सामान्य तौर पर गाजर घास के नाम से जानते हैं. कांग्रेस के वक्त आने की वजह से लोग इसे कांग्रेस घास भी बोलते हैं.’’

डॉ. ए के सिंह ने बताया कि धनिया, पार्सले और पार्थेनियम की पत्तियों में इतनी समानता होती है कि इन्हें एक नजर में पहचान पाना आसान नहीं होता.

ABP न्यूज की पड़ताल में क्या सामने आया?

धनिया में अगर पार्सले की पत्तियां मिली हों तो चिंता की बात नहीं है. लेकिन अगर धनिया में पार्थनेयिम पत्तियां मिली हों तो ये खतरनाक साबित हो सकता है और अस्थमा जैसी परेशानिया भी दे सकता है. इसलिए हमारी पड़ताल में वायरल मैसेज सच साबित हुआ है जिसमें पार्थेनियम पत्तियों का जिक्र किया गया है.