जानें- राजस्थान के स्कूल में बच्चों को आसाराम की शिक्षा देने का सच
दावा है कि ये राजस्थान के स्कूल में बच्चों को पढ़ाई जाए जाने वाले पाठ का हिस्सा है. जहां आसाराम बापू को गौतम बुद्ध, गुरु नानक और विवेकानंद जैसे संतों की श्रेणी में रखा जा रहा है.
नई दिल्ली: नाबालिग से रेप करने के आरोप में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है. लेकिन सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के स्कूल में बच्चों को आसाराम का पाठ पढ़ाया जा रहा है. दावे के साथ कक्षा तीन के बच्चों की किताब में आसाराम की तस्वीर भी पेश की जा रही है.
क्या दावा किया जा रहा है?
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में गुरु नानक, महावीर जैन, कबीर, विवेकानंद, मदर टेरेसा, मीराबाई, शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस, दयानंद सरस्वती और बाबा रामदेव के बीच मुस्कुराते हुए आसाराम की तस्वीर भी है.
दावा है कि ये राजस्थान के स्कूल में बच्चों को पढ़ाई जाए जाने वाले पाठ का हिस्सा है. जहां आसाराम बापू को गौतम बुद्ध, गुरु नानक और विवेकानंद जैसे संतों की श्रेणी में रखा जा रहा है. दावे के मुताबिक वायरल तस्वीर राजस्थान के स्कूलों में कक्षा तीन में पढ़ाई जाने वाली किताबों से ली गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक, वायरल फोटो एक अगस्त 2015 का है.
क्या है इस दावे का सच?
छानबीन में पता चला है कि साल 2015 में एनसीईआरटी के सीसीई पैटर्न पर आधारित किताब नया उजाला के पेज नंबर 40 पर देश के लिए अमूल्य योगदान देने वाले संतों की श्रेणी में आसाराम को रखा गया था.
आसाराम एक सितंबर 2013 से रेप के आरोप में जेल में बंद था. मतलब ये कि जेल जाने के करीब दो साल बाद तक राजस्थान में कक्षा तीन की किताब में आसाराम को इन बड़े-बड़े संतों की श्रेणी में रखा जाता रहा.
ऐसे पता चली सच्चाई
राजस्थान के जोधपुर में सर्व शिक्षा अभियान के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक मदन लाल बिश्नोई ने बताया, ‘’पहले लिखा था लेकिन जब से आसाराम पर रेप का आरोप लगा है, शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के निर्देश पर किताब पर रोक लगा दी. आसाराम का नाम पूरी तरीके से संत की श्रेणी से हटा दिया गया है.’’
इस दावे की तहकीकात में पता चला कि साल 2015 तक आसाराम को संतों की श्रेणी में ऱखा जाता था, लेकिन अब इसे ठीक कर लिया गया है यानि अब राजस्थान की किताब में आसाराम बतौर संत मौजूद नहीं है. इसलिए राजस्थान के स्कूल में आसाराम की शिक्षा का दावा झूठा साबित हुआ है.