नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में यूपी के गुंडों पर सीएम योगी के लाठियां बरसने का दावा किया जा रहा है. थाने में डंडे और लाठी से पुलिस वाले पिटाई कर रहे हैं और पिटने वाले जान बख्शने की दुहाई दे रहे हैं. दावा है कि अब यूपी में योगी का राज है, गुंडों को अब यूपी छोड़कर भागना होगा.

एक मिनट 40 सेकेंड के इस वीडियो के जरिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को हीरो बनाकर पेश किया जा रहा है. लोग चर्चा कर रहे हैं कि सीएम हो तो ऐसा. कुर्सी संभालने के तुरंत बाद गुंडों को ना सिर्फ सलाखों के पीछे भिजवाया बल्कि उनको ये भी बताया कि जब कानून का डंडा चलता है तो बड़े बड़े गुंडे हाथ जोड़े दिखाई देते हैं.



वायरल हो रहे इस वीडियो में कुछ लोग लाइन से पुलिस थाने में बैठे दिखाई दे रहे हैं. पुलिस नाम पूछकर रजिस्टर में नोट कर रही है और एक फट्टे जैसी दिखने वाली चीज से ताबडतोड़ पिटाई हो रही है. मीडिया के कैमरे भी वहां मौजूद हैं.

एबीपी न्यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पहला सुराग हमें इसी वायरल वीडियो से मिला. वीडियो में एक मिनट 20 सेकेंड पर पुलिस वाला जब लड़कों को मार रहा है उस वक्त गुंडागर्दी नहीं चलेगी बोल रहा है लेकिन इसके पहले एक और शब्द भी है 'इंदौर में गुंडागर्दी नहीं चलेगी.'

हमने वीडियो को बार-बार प्ले किया और उस जगह का नाम सुना. हमें हर बार यही सुनाई दे रहा था कि इंदौर में गुंडागर्दी नहीं चलेगी. अगर ये यूपी पुलिस होती तो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का नाम लेकर पिटाई क्यों करती?

इसके बाद हमने यूपी पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस की वर्दी मिलाने कोशिश की. दोनों की वर्दी में अंतर साफ दिखाई दिया.

इसके बाद हम सच जानने के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर शहर पहुंचे. हमने सीधे इंदौर पुलिस से संपर्क किया और वायरल वीडियो की इंदौर में पड़ताल शुरू की तो हमें एक तस्वीर उन लोगों की मिली जिनकी पिटाई वीडियो में नजर आ रही थी. जो लोग थाने के अंदर पिटते हुए देखे थे वो थाने के बाहर भी पीटे गए थे और पीटते हुए ही थाने तक ले जाए गए थे.
इंदौर पुलिस ने बताया कि इंदौर पुलिस ने 'गुंडा पकड़ो' अभियान चलाया था. इसी अभियान के तहत पुलिस ने शहर के कोने-कोने से चाकूबाजी और नशीले सामान की तस्करी करने वाले गुंडों की धरपकड़ की थी.



मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस काम के लिए पुलिस की तारीफ भी की थी. दोनों वायरल वीडियो इंदौर पुलिस के 'गुंडा पकड़ो' अभियान का हिस्सा हैं और ये कोई ताजा मामला नहीं है बल्कि करीब दो साल पुराना 29 मई 2015 का है.

वीडियो सच है लेकिन जिस तरह इसे पेश किया जा रहा है वो गलत है. हमारी पड़ताल में यूपी के गुंडों को भगाने के लिए योगी की लाठी बरसने का दावा झूठा साबित हुआ है.