कितनी सच्चाई है डॉक्टर साहब की इस पर्ची में
इन दिनों वॉट्सएप पर लोग सफेद कागज की एक तस्वीर तेजी से शेयर कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये सफेद कागज एक डॉक्टर की पर्ची है. इस पर्ची के आखिर में दो लाइनें लिखी हैं. ‘हनुमान चालीसा का पाठ करिए, प्रतिदिन मंदिर में आरती के वक्त जाइए.’
मरीज के इलाज की इस पर्ची में सबसे ऊपर लिखा है, ‘डॉक्टर सिर्फ इलाज करता है. ठीक भगवान करता है. डॉक्टर दिनेश शर्मा.’ डॉ दिनेश शर्मा मेडिसिन में एमडी हैं और हृदय रोग में शोध कर चुके हैं. पर्चे में बाईं तरफ बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, ‘मंगलवार को पूरी तरह बंद.’ इस पर्ची पर राजस्थान के भरतपुर का पता लिखा गया है.
डॉ दिनेश शर्मा ने खुद बताया, क्यों लिखा था ऐसा?
दरअसल डॉ दिनेश शर्मा भरतपुर के जिला अस्पताल में सीनियर फिजीशियन रह चुके हैं. जब डॉ. साहब से इस पर्ची के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने मरीज को मानसिक रूप से स्थिर करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने को कहा था.
क्या हनुमान चालीसा मरीज के इलाज में मदद कर सकती है? इस सवाल के जवाब में आध्यात्म के जानकार और ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया, ‘’हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकट और पीड़ा हरने वाला बताया गया है.’’
वहीं, इस बारे में दिल्ली में मनोवैज्ञानिक संदीप वोहरा ने बताया, ‘’कई बार लोगों के मन में कई सारे विचार होते हैं, हर दिन की परेशानियां होती हैं. एक तरफ वो बीमारी से लड़ रहा होता है, वहीं दूसरी तरफ अपनी परेशानियां होती हैं. ऐसे में एक तरफ हम उसकी बीमारी का दवाईयों से इलाज करते हैं. साथ ही अगर मरीज किसी ऊपरवाले पर विश्वास रखता है अपने धर्म के हिसाब से चलता है. तो बीमारी जल्दी ठीक होती है. मनोवैज्ञानिक रुप से मरीज के अंदर सकारत्मकता आती है विज्ञान और आधयात्मिकता एक साथ मरीज के लिए फायदेमंद होता है. एक बैलेंस तरीके से दिया जाए तो ये मरीज के लिए कारगार साबित होती है.’’
राजस्थान के भरतपुर में डॉक्टर दिनेश शर्मा ने मरीज को मानसिक रूप से मजबूती देने के लिए दवाई के साथ-साथ हनुमान चालीसा के पाठ के लिए कहा था. हनुमाना चालीसा के पाठ के लिए इसलिए कहा क्योंकि हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकट और पीड़ा हरने वाला बताया गया है.
मनोविज्ञान के जानकार का कहना है कि हनुमान चालीसा के पाठ जैसे तरीकों से मरीज को ठीक करने में मदद मिलती है, क्योंकि विज्ञान और आध्यात्म दोनों मिलकर मरीज को ठीक करते हैं.
इसलिए जो लोग सोशल मीडिया पर डॉ दिनेश शर्मा की पर्ची देखकर हंस रहे हैं उन्हें हंसना नहीं चाहिए, क्योंकि भारत में ऐसे डॉक्टरों की बहुत जरूरत है जो मरीज की मनोस्थिति को भी समझकर उसे ठीक करने की कोशिश करते हैं.
हमारी पड़ताल में डॉक्टर की पर्ची में हनुमान चालीसा के पाठ वाला दावा सच साबित हुआ है.
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