वायरल सच: बरगद के पेड़ को मरने से बचाने के लिए चढ़ाई गई सलाइन ड्रिप
दिल्ली में रामजस कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुरेश कुमार सालइन ड्रिप के जरिए पेड़ के इलाज की बात नहीं मानते हैं.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है. वायरल तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि बोतल से दवाई चढ़ाकर बरगद के पेड़ की जान बचाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन क्या ये मुमकिन है कि ड्रिप लगाकर बरगद के पेड़ को मरने से बचाया जा सके?
सोशल मीडिया पर वायरल होती इस तस्वीर के साथ लिखा जा रहा है, ‘’700 साल पुराने बरगद के पेड़ का इलाज सलाइन ड्रिप चढ़ाकर किया जा रहा है.’’
सोशल मीडिया पर ये भी बताया जा रहा है कि पेड़ को बचाने की कवायद देश के किस हिस्से में हो रही है. दावा हो रहा है कि सलाइन ड्रिप लगा ये पेड़ तेलंगाना राज्य के महबूबनगर जिले में पिल्लामर्री इलाके का है.
सच क्या है?
तेलंगाना के महबूबनगर में पिल्लामर्री इलाके में पांच एकड़ में फैले बरगद के इस विशाल पेड़ पर कई बोतलें लटकी हुई हैं. बोतलों के अंदर केमिकल और दवाई का मिश्रण भरा गया है. बोतल और शाखाओं के बीच में लगे पाइप दवाइयों को पेड़ के भीतर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
शाखा में बेहद बारीकी से छेद किया गया है ताकि पाइप उसके अंदर चला भी जाए और पेड़ को कोई नुकसान भी ना हो. इस तरह से कई शाखाओं में छेद किए गए हैं,जिनकी मदद से दवा पेड़ तक पहुंच रही है.
700 साल पुराना है बरगद का ये पेड़
700 साल पुराने इस बरगद के पेड़ पर एक या दो नहीं बल्कि कई बोतलें लटकाई गई हैं. पेड़ की जड़े मजबूत रहें इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है. जड़ों के पास पेड़ के लिए लाभदायक और जरूरी तत्वों के मिश्रण से भरी खाद डालने का इंतजाम भी है. वजह है कि सिर्फ पेड़ की शाखाएं ही मजबूत ना रहें उनकी जड़ें भी वजन उठा सकें. इतना ही नहीं झुकी हुई और भारी वजनी शाखाओं को टूटने से बचाने के लिए पेड़ के किनारे कंक्रीट की दीवार बनाकर उन्हें सहारा भी दिया जा रहा है.
पेड़ को बचाने के लिए क्यों उठाया गया ये कदम?
पेड़ के इलाज की निगरानी कर रहे जिलाधिकारी डी रोनाल्ड रोज़ ने बताया, ‘’सालों पुराने बरगद के पेड़ में दीमक की समस्या होने से इसकी जड़े कमजोर होने लगी थीं. इतना ही नहीं, लगभग 20 साल पहले इस जगह को पर्यटकों के लिए खोलते हुए पार्क के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था. देश और विदेश से पर्यटक ये पेड़ देखने पहुंचते थे, लेकिन जो पर्यटक पेड़ देखने पहुंचे उन्होंने पेड़ पर अपना नाम लिखना, पेड़ की शाखाओं पर बैठने और पेड़ के ऊपर चढ़ने की कोशिश की. पेड़ कमजोर था, इसलिए दीमक और पर्यटकों के इस रवैये की वजह से बरगद के पेड़ को काफी नुकसान हुआ.
पेड़ पर कई नए पत्ते भी आए हैं- रोनाल्ड रोज
डी रोनाल्ड रोज ने आगे बताया, ‘’तीन महीने पहले पेड़ की शाखा टूट गई थी. वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने आकर पेड़ को चेक किया. उन्होंने हमें बताया कि क्या-क्या करना है. उसके हिसाब से हमने दीमक से बचाव शुरु किया था. इससे पहले हमने जड़ों का इलाज शुरु किया था, उससे ज्यादा फायदा नहीं हुआ. अभी हम एक पेस्टीसाइड इलाज दे रहे हैं. ये नॉर्मल सलाइन नहीं है. हम दवाइयां दे रहे हैं. पंप करने पर दवाई बाहर आ रही थी. बहुत पुराना पेड़ है इसलिए संभालकर धीरे-धीरे करना पड़ रहा है.’’ रोनाल्ड रोज ने कहा कि इस तरीके का असर भी दिख रहा है और पेड़ पर कई नए पत्ते भी आए हैं.
तेलंगाना में बरगद के पेड़ का सलाइन ड्रिप लगाकर इलाज किया जा रहा है. सलाइन ड्रिप के जरिए बरगद के पेड़ में जरूरी दवाएं डाली जा रही हैं. पड़ताल में ड्रिप लगाकर बरगद के पेड़ को बचाने वाली तस्वीर सच साबित हुई है.