नई दिल्ली: नाबालिग से रेप के आरोप में आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. आसाराम जेल में उम्रकैद की सजा सुनते ही सिर पकड़ कर रोने लगा था. दावा है कि जिस आसाराम की बची हुई जिंदगी अब जेल में कटनी है, उसने अकूत संपत्ति का साम्राज्य खड़ा किया है. दावा है कि आसाराम के पास दस हजार करोड़ की संपत्ति है.


क्या दावें किए जा रहे हैं?

दावा है कि आसाराम ने अपने भक्तों को धर्म का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते दस हजार करोड़ की संपत्ति बना ली. देश से लेकर विदेश तक आसाराम का साम्राज्य इतना बड़ा हो गया कि उसकी कीमत हजारों करोड़ों तक पहुंच गई. बता दें कि गुजरात से लेकर मध्य प्रदेश तक और राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक देश के 21 राज्यों में आसाराम के 400 आश्रम हैं.

क्या आसाराम के पास 10 हजार करोड़ की संपत्ति है?

जानकारी के मुताबिक, आसाराम 1970 के आसपास गुजरात के अहमदाबाद आया था और उसके पास सिर्फ एक कुटिया थी. राजस्थान के माउंट आबू के नजदीक देलवाड़ा की पहाड़ियों की गुफा में आसाराम ने रुहानी ताकतें हासिल करने की कोशिश की थी. ये गुफा नल गुफा के नाम से जानी जाती है. आसाराम ने 70 के दशक में इन गुफाओं में अपना डेरा डाला था. उस वक्त ये गुफाएं घने जंगल से घिरी हुई थी. असल में वो जमीन किसी और की थी. उन्होंने वो जमीन बेच दी. जब आईजी साहब आए तो उन्होंने आसाराम को खदेड़ दिया.

राजस्थान के माउंट आबू में रहने वाले मोती सिंह बताते हैं कि आसाराम ने जमीन कब्जाने की पूरी तैयारी कर रखी थी. मध्य प्रदेश से लेकर सूरत तक आसाराम ने जमीनों पर कब्जे करने शुरु कर दिए. आसाराम ने किसी से किराए के बहाने जमीन हथियाई तो कभी तपस्या के नाम पर चूना लगाया. गुजरात में वलसाड के वापी में भी आसाराम पर आदिवासियों की जमीन हड़पने का आरोप लगा था.

राजस्थान के भीलवाड़ा में बने आसाराम के आश्रम पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया था, क्योंकि आश्रम के आसाप मौजूद सरकारी जमीन पर भी आसाराम ने कब्जा कर लिया था. दरअसल गुजरात पुलिस जब आसाराम के बेटे नारायण साईं की तलाश में साल 2013 में छापेमारी कर रही थी तब अहमदाबाद के मकान से कुछ कागज बरामद हुए थे. इन कागजों में आसाराम के हजारों करोड़ों की संपत्ति होने के सुराग मिले थे.


कागजों में क्या सुराग मिले थे?

जब्त द्स्तावेजों से पता चला कि आसाराम ने 500 से ज्यादा लोगों को मोटी ब्याज दर पर 1,635 करोड़ रु. नकद कर्ज दिया था. दो अमेरिकी कंपनियों, सोहम इंक और कोस्टास इंक में 156 करोड़ रुपए का निवेश किया था. आसाराम और साईं के खिलाफ जांच कर रहे अधिकारियों के लिए भी रकम रखी गई थी. आठ करोड़ रुपए की घूस पहले से ही तैयार थी ताकि आसाराम और उसके बेटे को बचाया जा सके. कागज पर आसाराम के इस पूरे बहीखाते का कुल योग 4,500 करोड़ रुपये बैठता है.

लेकिन आसाराम की हजारों करोड़ों की संपत्ति का सुराग देने वाले इन कागजों में उसके आश्रम की जमीन शामिल नहीं है. यानि 21 राज्यों में आसाराम के जो 400 आश्रम बने हैं उसकी इसमें गिनती ही नहीं हुई है.

बिजनेसमैन भी था आसाराम

आसाराम अपने भक्तों को संजीवनी आसाराम दवा देता था. दावा है कि इस दवाई की गोली खाते ही अंदर की सारी बीमारी बाहर आ जाती है. लेकिन भक्तों को नहीं पता था कि आसाराम चालाकी से अपने मंच से अपने प्रोडक्ट का प्रचार करने में जुटा था. सिर्फ संजीवनी दवाई ही नहीं आसाराम हरिओम हर्बल के प्रोडक्ट्स भी बेचता था.

क्या-क्या प्रोडक्ट्स बेचता था आसाराम?

  • यादाश्त दुरुस्त करने के लिए स्मृतिचूर्ण

  • जोड़ो के दर्द के लिए संधिशूलहर चूर्ण

  • कैंसर और हृदय रोग के लिए वर्ज रसायन टेबलेट

  • आखों की रोशनी बढ़ाने के लिए त्रिफला टेबलेट

  • दांत लेकर मालिश तक और बाल से लेकर जोड़ों तक के लिए तेल

  • शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए शरबत

  • गले की खरास दूर करने के लिए सिरफ

  • च्यवनप्राश और जीभ के लिए शहद और जैम भी बेचता था.


ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कारोबार भी करता था आसाराम

आसाराम ब्यूटी प्रोडक्ट यानि सुंदर बनाने के सामान का कारोबार भी करता था और उसका प्रचार भी अपने भक्तों के बीच किया करता था. पुलिस के मुताबिक, बाजार में बेचे जाने वाले आश्रमों के उत्पादों की पैकेजिंग के लिए अहमदाबाद की एक कंपनी को एक साल के लिए 350 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था. इतना ही नहीं आसाराम की दो पत्रिकाओं ऋषिप्रसाद और लोक कल्याण सेतु की 14 लाख प्रतियां हर महीने बिकती थी, जिनसे सालाना 10 करोड़ रुपए के आसपास रकम आती थी.

सत्संगों से भी जुटाता था धन

लेकिन बताया जाता है कि धन बटोरने का सबसे बड़ा जरिया साल भर में होने वाले वो 50 सत्संग थे, जिनमें अनुयायियों को दो से तीन दिनों तक प्रवचन दिए जाते थे. सत्संग के दौरान भी आश्रम के उत्पाद बेचे जाते थे और उससे 1 करोड़ रु. जुटा लिए जाते थे.

साल में होने वाले गुरुपूर्णिमा और कुछ विशेष कार्यक्रम में आसाराम के संगठनों को करोड़ों रुपए का चंदा मिलता था. इसके अलावा हर साल 10 से 20 भंडारे भी किए जाते थे, जिनके लिए 150 करोड़ से लेकर 200 करोड़ रुपये तक चंदा लिया जाता था, लेकिन खाना बनाने और बांटने में खर्च की गई रकम नाम मात्र होती थी.



दस हजार करोड़ क्या आसाराम की सही संपत्ति का हिसाब तो तब सामने आएगा जब उसमें 21 राज्यों के सैकड़ों आश्रमों की जमीन और इमारत की कीमत भी जोड़ी जाएगी. इसलिए आसाराम की दस हजार करोड़ की संपत्ति का दावा सच साबित हुआ है.

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